पलायन कर रहे मजदूरों को अस्थायी आश्रय, केंद्र की हाई लेवल मीटिंग में हुआ न‍िर्णय


 
नई द‍िल्ली, 30 मार्च (प्रतिनिधि) : कोरोना महामारी को लेकर लॉकडाउन की घोषणा के बाद पलायन कर रहे मजदूरों को अस्थायी आश्रय देने का न‍िर्णय कल केंद्रीय मंत्र‍ियों की हाई लेवल मीटिंग में ल‍िया गया।

देश में कोरोना वायरस महामारी की स्थिति को लेकर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के घर पर एक उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान सहित अन्य वरिष्ठ मंत्री शामिल हुए।

सरकारी सूत्रों ने जानकारी दी है कि बैठक में यह तय किया गया कि प्रवासियों को रहने के लिए अस्थायी आश्रय प्रदान किया जाएगा। बैठक के दौरान विभिन्न मंत्रालयों और विभागों से प्रतिक्रिया भी साझा की गई।

सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर आयोजित मंत्रिस्तरीय समूह की बैठक में मंत्रियों ने कोविड-19 से संबंधित सभी मुद्दों पर समीक्षा की, जिसमें खाद्य, दवा, ऊर्जा उत्पादों आदि जैसे आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बनाए रखना शामिल है।

पलायन कर रहे मजदूरों पर केंद्र सख्त

रविवार को केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों से कहा है कि लॉकडाउन तोड़कर अपने घरों की ओर रवाना हुए हजारों मजदूरों को किसी भी कीमत पर सीधे उनके घर न जाने दें। बल्कि, उन्हें सभी राज्य सरकारें 14 दिनों तक प्रदेशों की ओर से बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर में अनिवार्य रूप से रखें। ताकि, यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी संक्रमित व्यक्ति अपने गांवों या मोहल्लों तक वायरस लेकर न पहुंच जाए। केंद्र सरकार की ओर से जारी एक बयान में जो कुछ भी कहा गया है, उससे इस आदेश की सख्ती का अंदाजा लगाया जा सकता है। इसमें कहा गया है, ‘डिजास्टर मैनेजमेंट ऐक्ट के तहत जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षकों के लिए सीधे तौर पर जारी निर्देशों को लागू करवाने के लिए वे निजी तौर पर जिम्मेदार होंगे।’