लोकतंत्र कि आवाज़ ,चंद्रपुर न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई , 6 अप्रैल : कोरोना के खिलाफ लड़ाई का महत्वपूर्ण चरण शुरू हो गया है, और जिन नागरिकों में कोरोना के लक्षण हैं या कोरोनरी इतिहास होने का संदेह है, उन्हें छिपाने के बिना स्वास्थ्य प्रणाली से तुरंत संपर्क करना चाहिए। संदेह के आगे बढ़ने के साथ कोरोना के खिलाफ लड़ाई जल्द ही समाप्त होनी चाहिए। उन्होंने नागरिकों को घर पर रहने की बात कही ।उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने अन्य नागरिकों से घर पर रहने और सहयोग करने का आग्रह किया।
राज्य में कोरोना के मरीजों की संख्या हर दिन सैकड़ों से बढ़ रही है। मरने वालों की संख्या भी बढ़ रही है। हालांकि, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ को स्थिति की गंभीरता का एहसास नहीं है। यहां तक कि जब प्रधानमंत्री ने दरवाजे, बालकनी, घर के आंगन और खिड़कियों में दिये, मोमबत्ती, मोबाइल फ़्लैश लाइट, टॉर्च आदि से रोशनी करने की बात कही पर कही कही बच्चों को मशालों के साथ जलाना, महिलाओं और महिलाओं को सड़क पर नीचे ले जाना, पटाखे फोड़ना गैरजिम्मेदारी की पराकाष्ठा है। उन्होंने आगे कहा कि सभी को जिम्मेदारी से काम करना चाहिए।
यह चिंता का विषय है कि राज्य में कोरोना संक्रमण को डॉक्टर, नर्स, पुलिस और सफाई कर्मचारी जैसे में कोरोना संक्रमण के लक्षण देखे गये है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अगर ट्रांसमिशन को रोकना है, तो कोरोना की श्रृंखला को तोड़ना चाहिए और इसके लिए सभी नागरिकों को घर में रहना चाहिए और तुरंत संदिग्धों को अस्पताल में भर्ती कराया जाना चाहिए।
लॉकडाउन के कारण, देश और राज्य की अर्थव्यवस्था मुश्किल में है लेकिन इसे भविष्य में दूर किया जा सकता है। लेकिन अब कोरोना की लड़ाई एकजुट होकर लड़ी जानी चाहिए। यह लड़ाई सभी के लिए है। यह इस तथ्य को मजबूत कर रहा है कि इस लड़ाई में सर्वदलीय, धर्मनिरपेक्ष नागरिक एक साथ आए हैं। उपमुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि राज्य के लोग, देश के लोग एकजुट होकर कोरोना के खिलाफ लड़ेंगे।