नागपुर, 5 मई (प्रतिनिधि) : कोरोना के कारण, राज्य में सभी शराब की दुकानें पिछले डेढ़ महीने से बंद थीं। इससे सरकार का काफी राजस्व डूब रहा था। इसने अर्थव्यवस्था को भी मुश्किल से मारा। इस पृष्ठभूमि के खिलाफ, सरकार ने शराब की दुकानें खोलने से घटती अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की कोशिश की है। हालाँकि, नागपुर के महानगरपालिका आयुक्त तुकाराम मुंडे ने सरकार के इस फैसले को नहीं सुना।
वर्तमान में देश लॉकडाउन के तीसरे चरण से गुजर रहा है। इस स्तर पर प्रतिबंधित क्षेत्र के अलावा अन्य क्षेत्रों में शराब की बिक्री की अनुमति है। हालांकि, तुकाराम मुंडे ने एक अलग आदेश जारी किया जिसमें कहा गया था कि हम शितिलता नहीं करेंगे।
तुकाराम मुंडे द्वारा जारी किए नए आदेश को मुंबई उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई है। नागपुर के वकील मनोज साबले, प्रकाश जायसवाल, किशोर लाम्बत और कमल सतुजा ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है।
इस बीच, याचिकाकर्ताओं ने आयुक्त तुकाराम मुंडे के फैसले का विरोध करते हुए कहा कि केंद्र, राज्य सरकार और महानगरपालिका के आदेशों में विरोधाभास है।