करोड़ों युवाओं के प्रेरणास्रोत डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम , भारतरत्न मिसाइल मैन' जनसाधारण में डॉ ए.पी.जे. अब्दुल कलाम #APJAbdulKalam #मिसाइलमैन


करोड़ों युवाओं के प्रेरणास्रोत डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम

सपने वो नहीं, जो सोते वक्त देखते हैं।सपने वो होते है,जो आपको सोने नहीं देते हैं। आप अपना भविष्य नहीं बदल सकते, लेकिन अपनी आदतें बदल सकते हैं और निश्चित रूप से आपकी आदतें आपका फ्युचर बदल देगी। इसप्रकार युवाओं को हमेशा प्रेरणा देने वाले खुद अपने जीवन में संघर्ष करते हुए भारत के 11 वे राष्ट्रपति के रूप में जाने जानेवाले 'भारतरत्न मिसाइल मैन' जनसाधारण में डॉ ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के रुप में जाने जाते हैं। वो भारतीय लोगों के दिलों में “जनता के राष्ट्रपति” और “भारत के मिसाइल मैन” के रुप में हमेशा जावित रहेंगे। वास्तव में वो एक महान वैज्ञानिक थे जिन्होंने बहुत सारे आविष्कार किये। वो भारत के एक पूर्व राष्ट्रपति थे जिनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 में हुआ। जिनका पुरा नाम अवुल पाकिर जैनुल्लादीन अब्दुल कलाम। गरिब परिवार के जैनुल्लादीन और आशियाना के घर में हुआ। वह बचपन से ही पढाई में कुशल थे। अपने शुरुआती समय में ही कलाम ने अपने परिवार की आर्थिक मदद करनी शुरु कर दी थी। उन्होंने 1954 में तिरुचिरापल्ली के सेंट जोसेफ़ कॉलेज से अपना ग्रेजुएशन और 1960 में चेन्नई के मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉज़ी से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ीई पूरी की।

विज्ञान मानवता के लिए एक सुंदर उपहार है, हमें इसे विकृत नहीं करना चाहिए।

कलाम ने एक वैज्ञानिक के तौर पर डीआरडीओ (रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन) में कार्य किया जहाँ उन्होंने भारतीय सेना के लिये एक छोटा हेलिकॉप्टर डिज़ाइन किया। उन्होंने ‘इन्कोस्पार’ कमेटी के एक भाग के रुप में डॉ विक्रमसाराभाई के अधीन भी कार्य किया। बाद में, कलाम साहब भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपास्त्र (एसएलवी-तृतीय) के प्रोजेक्ट निदेशक के रुप में 1969 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन से जुड़ गये। भारत में बैलिस्टिक मिसाइल के विकास के लिये दिये गये अपने महान योगदान के कारण वो हमेशा के लिये “भारत के मिसाइल मैन” के रुप में जाने जायेंगे। देश के पहले सॅटेलाईट लॉन्च व्हिकल के प्रोजेक्ट डायरेक्टर थे जिसने 1980में रोहीणी उपग्रह को पृथ्वी की आर्बिट में स्थापित किया। पोखरण - 11 परमाणु परीक्षण के दौरान वो चिफ प्रोजेक्ट को आॅर्डीनेटर थे।उनका मानना था कि इंतजार करने वालों को सिर्फ उतना ही मिलता है, जितना कोशिश करने वाले छोड़ देते हैं।

    डॉ कलाम ने बहुत सारी किताबें लिखी जैसे विंग्स ऑफ फायर, इग्नीइटेड माइन्ड्स, टारगेट्स 3 बिलीयन इन 2011, टर्निमग प्वॉइंट्स, इंडिया 2020, माई जर्नी आदि।वह हमेशा युवाओं को प्रेरणा देते हुए कहते, बारिश के दौरान सभी पक्षी आश्रय की तलाश करते हैं, लेकिन एक ऐसा भी पक्षी होता है जो बादलों के ऊपर उड़कर बारिश को ही अवॉइड कर देते हैं। समस्याएँ कामन है लेकिन आपका एटिट्यूड इनमें डिफरेंस पैदा करता है। 

इसलिए शिखर तक पहुंचने के लिए ताकद चाहिए होती है। चाहे वह माऊंट एव्हरेस्ट का शिखर या फिर आपका पेशा ही क्यों न हो। डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम के मुताबिक एक मुर्ख जिनीयस बन सकता है यदि वो समझता  है की वो मुर्ख है। लेकिन एक जिनीयस मुर्ख बन सकता है यदि वो समझता है कि वो जिनियस है। ऐसे भारत के जिन्हें करीब 40 यूनिवर्सिटीयोंने डाक्टरेट की उपाधी से नवाजा गया ऐसे डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम का निधन 27 जुलाई 2015 में शिलांग में (मेघालय) भारत में हुआ।

जिसका अणु भी है गुलाम, उसका नाम है डॉ अब्दुल कलाम, सारा भारत उन्हें करे सलाम।

     सौ जयश्री निलकंठ सिरसाटे
राज्यसमन्वयक अग्निपंख फाऊंडेशन महाराष्ट्र राज्य
 9423414686(गोंदिया)