बिजली बिल की मार से जनता हुई बीमार..! #Bijli-Bill-Ki-Mar-Se-Janta-Hue-Bimar

बिजली बिल की मार से जनता हुई बीमार..!

चंद्रपूर / बल्लारपुर 02 जुलाई (गणेश रहिकवार, बल्लारपुर द्वारा):
अचानक देश में आई महामारी ने सारे देश को जैसे शॉक दे दिया था अर्थात इस Covid-19 जैसी महामारी से अभी देश संभला ही नहीं कि जनता को महावितरण बिजली  विभाग द्वारा तीन माह का भारी भरकम बिजली बिल भेजकर फिर एक बार शॉक दे दिया गया हैं। 
सोचनेवाली बात तो तब सामने आई जब अच्छे अच्छे पक्ष विपक्ष के नेताओं ने सिर्फ खानापूर्ति के तहत केवल सरकार को लिखित में बिजली बिल कम करने का निवेदन देकर अपना पलड़ा झाड़कर खुद को जनता का मसीहा साबित करने में खुदको योग्य बताया हैं। ज्ञात हो इस Covid-19 से भी ज्यादा दर्दनाक आज जनता को कोई बीमारी ने घेरा हैं तो वो हैं महावितरण बिजली विभाग द्वारा भेजा गया तीन माह का बिजली बिल। हम आपको बता दे कि इस बिल के भुगतान के लिए केवल राज्य सरकारी और केंद्र सरकारी नौकरी पेशा ही इस बिल के भुगतान के लिए सक्षम हैं लेकिन जो व्यक्ति रोज कमाता हैं रोज खाता हैं ऐसे गोर गरीब जनता का क्या? इतना ही नहीं हम आपको यह भी बता दे कि एक बेचारी बूढ़ी लाचार वृद्धा जो सुबह से शाम तक 10 - 20 निम्बू लेकर रास्ते के किनारे में बैठकर उन निम्बुओं को बेचकर अपना उदरनिर्वाह करती हैं उसे भी 5000 ₹. के ऊपर बिजली का बिल थोपना यह बात समझ से परे हैं। इसके साथ ही वे आम जनता भी जो साधारण हैं उनका क्या? वे भी तीन माह से बेरोजगार होकर घर पर बैठे हैं एक ओर जैसे तैसे वे तीन माह तक अपना और अपने परिवार का गुजर बसर करके अभी उभरे ही नहीं कि उन्हें भी कई हजारों के ऊपर बिजली का बिल थोप दिया गया।
आज जनता के रक्षक कहा गए उनकी जनता के प्रति हमदर्दी और अपनापन कहा गया? क्या केवल खानापूर्ति सरकार को लिखित में बिजली बिल माफ करो अर्जी देने से क्या उनकी निजी जिम्मेदारी खत्म हो गई हैं? वे आज अपने अपने आलीशान बंगलो और महलों में चैन की नींद सो रहे हैं और बेचारी लाचार जनता वही दूसरी ओर अपना चैन खो चुकी हैं।
जनता ने आपको आस्था और विश्वास के साथ अपना मसीहा चुना हैं, आप केवल खानापूर्ति कार्य कर कैसे अपनी जिम्मेदारियों से मुह फेर सकते हों। आज जनता आपसे हर हाल में इंसाफ चाहती हैं। इस बिजली बिल महामारी से निजात चाहती हैं। बल्लारपुर अपितु सम्पूर्ण महाराष्ट्र में यह विषय चर्चाओं में दम तोड़ता हुआ नज़र आ रहा हैं, जनता बेजुबां जरूर हैं पर अक्ल की अंधी नहीं हैं। यदि आज जनता को इंसाफ नहीं मिला तो पक्ष विपक्ष नेताओं ने भी उनसे इंसाफ की उम्मीद रखना बंद करे, ऐसी चर्चाओं एवं अटकलों ने बल्लारपुर तथा सम्पूर्ण महाराष्ट्र में घर कर रखा हैं।