चुनावी हलफनामा : मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे , कैबिनेट मंत्री आदित्य ठाकरे और सांसद सुप्रिया सुले की बढ़ी मुश्किलें

चुनावी हलफनामा : मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे , कैबिनेट मंत्री आदित्य ठाकरे  और सांसद सुप्रिया सुले की बढ़ी मुश्किलें 

मुंबई, 20 सितंबर : चुनाव आयोग (EC) ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) से कहा है कि वह शिवसेना चीफ और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उनके बेटे और कैबिनेट मंत्री आदित्य ठाकरे और NCP सांसद सुप्रिया सुले के चुनावी हलफनामों की जांच करे। दरअसल, इन तीनों पर फर्जी एफेडेविट फाइल करने के आरोप हैं।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उनके बेटे मंत्री आदित्य ठाकरे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी सांसद सुप्रिया सुले की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं।
दरअसल, तीनों पर चुनावी हलफनामे में संपत्ति और देनदारी की गलत या अधूरी जानकारी देने का आरोप है। चुनाव आयोग (EC) ने इसके खिलाफ शिकायतों की जांच CBDT को सौंपी है।

महाराष्ट्र के सत्तारूढ़ दल शिवसेना और उसकी सहयोगी पार्टी एनसीपी के इन नेताओं के चुनावी हलफनामे में काफी असंगतियों के आरोप हैं। अपनी संपत्ति और देनदारी की गलत या अधूरी जान जानकारी देने के चलते तीनों नेताओं को जांच का सामना करना पड़ सकता है।

शिवसेना ने बताया रूटीन मूव

सूत्रों के अनुसार कि सुप्रिया सुले, उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे के अलावा गुजरात के विधायक नाथाभाई ए पटेल के खिलाफ शिकायतों को चुनावी पैनल की प्रशासनिक समीक्षा पर आधारित जांच के लिए भेजा गया है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और  मंत्री आदित्य ठाकरे का हलफनामा दाखिल करने वाले शिवसेना नेता ने इसे रूटीन मूव बताया।

इस वजह से सीबीडीटी को भेजी गई जांच

शिकायतकर्ताओं ने अपने दावे के समर्थन में कुछ सामग्री का हवाला दिया है जिससे पता चलता है कि इन नेताओं के हलफनामे में लिखी गई डीटेल सही नहीं है। माना जा रहा है कि इसी वजह से चुनाव आयोग ने मामले को सीबीडीटी को भेजा है।

चुनाव आयोग को कार्यवाही के लिए सीबीडीटी (CBDT) से अपडेट का इंतजार है। अगर नेताओं पर लगाए गए आरोप प्रथम दृष्टया सही पाए जाते हैं तो रिप्रजेटेंशन ऑफ पीपल एक्ट की धारा 125 ए के तहत सीबीडीटी केस दर्ज किया जा सकता है। 

चुनावी हलफनामे में क्या होता है

चुनावी हलफनामे में एक उम्मीदवार अपनी आपराधिक पृष्ठभूमि, संपत्ति, देनदारी और शैक्षिक योग्यता का ब्योरा देता है। 2013 में चुनाव आयोग (EC) ने फैसला किया था कि हलफनामे में लिखी उम्मीदवारों की संपत्ति और देनदारी को सीबीडीटी (CBDT) वेरिफाई करेगा।