डिजिटल मीडिया के पत्रकारों को भी मिलेगा प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक के संवाददाताओं जैसा लाभ, जानें सरकार की योजना
नई दिल्ली, 18 ऑक्टोबर : केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कहा कि वह डिजिटल मीडिया निकायों के पत्रकारों, फोटोग्राफरों और वीडियोग्राफरों को पीआईबी मान्यता जैसे लाभ देने पर विचार करेगी। यही नहीं सरकार ने यह भी कहा है कि वह इन पत्रकारों, फोटोग्राफरों, वीडियोग्राफरों को आधिकारिक संवाददाता सम्मेलन में भागीदार की पहुंच देने पर भी गौर करेगी। सरकार ने डिजिटल मीडिया निकायों से अपने हितों को आगे बढ़ाने और सरकार के साथ संवाद के लिए स्वय नियमन संस्थाओं का गठन करने को कहा है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि डिजिटल मीडिया के लिए कई अन्य सुविधाओं पर भी विचार किया जा रहा है। डिजिटल मीडियाकर्मियों को प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकारों की तरह भारत सरकार से मान्यता, चिकित्सा व अन्य सुविधाएं दी जाएंगी। यही नहीं प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की तरह डिजिटल मीडिया स्व नियामक समूह का गठन कर सकेंगे। बयान के मुताबिक, सरकार के डिजिटल विज्ञापन भी संचार ब्यूरो के माध्यम से इन्हें दिए जाएंगे।
मंत्रालय ने कहा कि फिलहाल पारंपरिक मीडिया यानी प्रिंट एवं टीवी को जो लाभ दिए गए हैं भविष्य में उन्हें उन निकायों को भी देने पर विचार किया जाएगा जो डिजिटल माध्यम से खबरों की अपलोडिंग या स्ट्रीमिंग में लगे हैं। सरकार ने बताया कि डिजिटल मीडिया को जिन सुविधाओं को दिए जाने पर विचार किया जाएगा उनमें उसके पत्रकारों, छायाकारों, वीडियोग्राफरों को पीआईबी मान्यता देना शामिल है। यही नहीं डिजिटल मीडिया के पत्रकारों, फोटोग्राफरों और वीडियोग्राफरों को सीजीएचएस लाभ, रियायती रेल किराया आदि सुविधाएं भी दी जाएंगी।
मंत्रालय की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि यह कदम उद्योग संवर्धन एवं अंदरूनी व्यापार विभाग के मुताबिक फैसले की दिशा में उठाया गया है। यही नहीं खबरों से जुड़े डिजिटल मीडिया में 26 फीसद प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) को लेकर सरकार ने शुक्रवार को नया स्पष्टीकरण भी जारी किया। सरकार की ओर से जारी नए नियम के मुताबिक विदेशी निवेश हासिल डिजिटल मीडिया कंपनियों को एक वर्ष के भीतर केंद्र सरकार की मंजूरी के साथ एफडीआइ को भी 26 फीसद पर लाना होगा।
शुक्रवार को वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय की तरफ से जारी स्पष्टीकरण के मुताबिक सरकारी रूट से 26 फीसद एफडीआइ के नियम भारत में पंजीकृत और भारत में स्थित उन सभी डिजिटल मीडिया पर लागू होंगे जो वेबसाइट, एप व अन्य प्लेटफार्म पर खबर व करंट अफेयर्स को अपलोड करने का काम कर रहे हैं, जो न्यूज एजेंसी प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से डिजिटल मीडिया को खबरों की आपूर्ति कर रही है, जो न्यूज एग्रीगेटर किसी एक स्थान पर सॉफ्टवेयर, वेब एप्लीकेशन का इस्तेमाल कर रहे हैं। इनमें वेबसाइट के साथ पॉडकास्ट और ब्लॉग्स भी शामिल हैं।
वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय के मुताबिक निदेशक बोर्ड में शामिल 50 फीसद से अधिक निदेशक भारतीय होने चाहिए। कंपनी का सीईओ भारतीय होना चाहिए। कंपनी में अगर किसी विदेशी को 60 दिनों से अधिक के लिए भारत में नियुक्त किया जाता है तो उसका सिक्योरिटी क्लीयरेंस लेना आवश्यक होगा। सूत्रों के मुताबिक डेली हंट, हेलो, यूसी न्यूज, ओपेरा न्यूज, न्यूजडॉग जैसे डिजिटल मीडिया में चीन के निवेश की अधिक हिस्सेदारी है। नए नियम से चीन से होने वाले इस प्रकार के निवेश पर लगाम लग सकती है।