नहीं रहे केंद्रीय मंत्री और LJP नेता , चिराग पासवान ने ट्वीट कर दी जानकारी, 06 प्रधानमंत्रियों के साथ काम करने का रिकॉर्ड Ramvilas Paswan

नई दिल्ली , 08 ऑक्टोबर : केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ नेता रामविलास पासवान लंबे समय से बीमार थे। कुछ दिनों पहले उनके दिल का ऑपरेशन हुआ था।

बिहार की राजनीति में गहरी पैठ रखने वाले एलजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का गुरुवार (8 अक्टूबर, 2020) को निधन हो गया। उनके बेटे और पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी। चिराग ने ट्वीट करते हुए रामविलास पासवान के साथ अपनी एक बचपन की फोटो साझा की है।

उन्होंने लिखा है, ‘पापा… अब आप इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन मुझे पता है आप जहां भी हैं हमेशा हमारे साथ हैं।’ केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ नेता रामविलास पासवान लंबे समय से बीमार थे और दिल्ली के एस्कॉर्ट हॉस्पिटल में भर्ती थे। वो 74 वर्ष के थे। उन्होंने कई सरकारों में मंत्री पद संभाला था।

2 अक्टूबर की रात को उनकी हार्ट सर्जरी की गई थी। यह पासवान की दूसरी हार्ट सर्जरी थी। इससे पहले भी उनकी एक बायपास सर्जरी हुई थी। पासवान जब बीमार थे तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने चिराग पासवान को फोन कर उनके पिता के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली थी।

बता दें कि राम विलास पासवान को राजनीतिक मौसम का सबसे बड़ा वैज्ञानिक माना जाता था। वो उन नेताओं में से एक थे कि केंद्र में सत्ता चाहे जिस पार्टी की हो मगर उनकी हिस्सेदारी जरूर होती थी। एनडीए सरकार से पहले वो पूर्व की यूपीए सरकार में भी केंद्रीय मंत्री रहे। पासवान ने 28 नवंबर, 2000 को एलजेपी की स्थापना की थी।

एलजेपी की स्थापना से पहले वो जनता पार्टी और जनता दल का हिस्सा रहे। बाद में बिहार में सियासी समीकरण बदल गए तो उन्होंने अपनी अलग पार्टी बना ली। मुख्य रूप से दलितों की राजनीति करने वाले एलजेपी नेता ने साल 1981 में दलित सेना संगठन की भी स्थापना की थी।

दिवंगत एलजेपी नेता पासवान ने साल 1969 में पहली बार अलौली विधानसभा चुनाव जीता था। अपनी इस जीत के बाद वो राजनीतिक ऊंचाई की सीढ़ियां चढ़ते गए। उन्होंने 1977 में पहली बार लोकसभा चुनाव जीता और 9 बार सांसद रहे। वर्तमान में वो भाजपा और जेडीयू के सहयोग से राज्यसभा सांसद थे। खास बात है कि दो दशक पहले एलजेपी की स्थापना करने वाले पासवान तब यूपीए के साथ थे।

06 प्रधानमंत्रियों के साथ काम करने का रिकॉर्ड

1989 से लेकर अब तक, नरसिम्हा राव के अलावा पासवान ने देश के हर प्रधानमंत्री के साथ काम किया। वे पीएम वीपी सिंह, एचडी देवगौड़ा, आईके गुजराल, अटल बिहारी वाजपेयी, मनमोहन सिंह के साथ और अभी नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में शामिल हैं।