मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की चुनौती : हिम्मत है तो गिरा कर दिखाएं सरकार , प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नाकामी #UdhavThakre #CMMAHARASTRA

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की चुनौती : हिम्मत है तो गिरा कर दिखाएं सरकार , प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नाकामी PoK

मुंबई: विजयदशमी के मौके पर मुंबई में आज मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शिवसेना की वार्षिक दशहरा रैली को संबोधित किया। सीएम ठाकरे ने अपने सम्बोधन ने बताया कि उन्हें महाराष्ट्र का मुख़्यमंत्री बने एक साल हो गया है।

 महाराष्ट्र के मुख़्यमंत्री उद्धव आज शिवसेना की सालाना दशहरा रैली में शामिल हुए। मुंबई के दादर में स्थित सावरकर ऑडिटोरियम आयोजित दशहरा रैली में सीएम ठाकरे ने जमकर मोदी सरकार के खिलाफ दहाड़ा। एक तरफ तो उन्होंने खुली चुनौती दी कि जिसकी हिम्मत हो वो उनकी सरकार को गिरा कर दिखाएँ। तो वहीं दूसरी ओर पाक अधिकृत कश्मीर को लेकर मोदी सरकार को नाकाम बताया।

शिवसेना ने वार्षिक दशहरा रैली में शामिल हुए सीएम उद्धव ठाकरे
विजयदशमी के मौके पर मुंबई में आज मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शिवसेना की वार्षिक दशहरा रैली को संबोधित किया। सीएम ठाकरे ने अपने सम्बोधन ने बताया कि उन्हें महाराष्ट्र का मुख़्यमंत्री बने एक साल हो गया है। उन्होंने कहा कि जिस दिन मैं सीएम बना, कहा जाने लगा कि सरकार ज्यादा दिन नहीं टिकेगी, गिर जायेगी। उन्होंने ललकारते हुए कहा कि आज मैं उन सभी लोगों को चुनौती देता हूँ कि अगर हिम्मत हैं तो हमारी सरकार को गिरा कर दिखाइए।
उद्धव ठाकरे बोले, मेरी सरकार की चिंता छोड़े अपनी सरकार बचाएं:
उन्होंने कहा कि भाजपा मेरी सरकार गिराना चाहती हैं लेकिन मेरी सलाह हैं कि वे पहले अपनी सरकार को बचाएं। उन्होने बिहार चुनाव का जिक्र करते हुए अपील की कि बिहार के लोग अपनी आखें खोल कर वोट दें। वहीं उन्हें मराठा और ओबीसी समुदाय को एक होकर महाराष्ट्र में संयुक्त रहने की भी अपील की।

पाकिस्तान और कश्मीर पर सीएम उद्धव ने मोदी सरकार को घेरा:
अपने सम्बोधन में सीएम ठाकरे ने पीएम मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने राजनाथ सिंह के एक इंच वाले बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि भारत में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर हैं। ये प्रधानमंत्री मोदी की नाकामी है।

राज्यपाल को ‘काली टोपी’ पहनने वाला व्यक्ति पुकारा:
ठाकरे ने महाराष्ट्र के राज्यपाल पर भी निशाना साधा और उन्हें ‘काली टोपी’ पहनने वाले व्यक्ति के रूप में पुकारा। ठाकरे ने मोहन भागवत के आज के संबोधन का जिक्र करते हुए कहा कि हिंदुत्व का मतलब मंदिरों में की जाने वाली पूजा नहीं है। इसके साथ ही बोले कि आप ‘काली टोपी’ के नीचे कुछ दिमाग रखते हैं, तो मुख्य भाषण को सुनें। हम हमेशा से चाहते थे कि मोहन भागवत हमारे देश के राष्ट्रपति बनें, लेकिन वो ऐसा नहीं चाहते।