सरकारी आफिस के घंटे और सैलरी , 1 अप्रैल से सबकुछ बदलने वाला है ! केन्द्र सरकार करने जा रही बड़े बदलाव #SarkariOffice #सरकारकर्मचारी #केन्द्रसरकार

सरकारी आफिस के घंटे और सैलरी , 1 अप्रैल से सबकुछ बदलने वाला है ! केन्द्र सरकार करने जा रही बड़े बदलाव

नई दिल्ली: 1 अप्रैल से आपके ऑफिस के काम में काफी बदलाव होने वाले हैं। अब आपको ऑफिस में ज्यादा वक्त बिताना पड़ सकता है और तो और आपके हाथ में आने वाला वेतन भी कम हो सकता है। दरअसल साल 2020 में संसद में तीन मजदूरी संहिता विधेयक (कोड ऑन वेजेज बिल) पास किए गए थे। इन विधेयकों को इस साल 1 अप्रैल को लागू करने की संभावना है। अगर ये विधेयक लागू होता है तो कर्मचारियों को ग्रेच्युटी और भविष्य निधि यानी कि पीएफ मद में बढ़ोतरी मिलेगी। लेकिन हाथ में आने वाला पैसा घटेगा  जिससे कंपनियों की बैलेंस शीट भी प्रभावित होगी।

वेज की नई परिभाषा

वेज (मजदूरी) की नई परिभाषा के तहत भत्ते कुल सैलेरी के अधिकतम 50 फीसदी होंगे। इसका मतलब है कि मूल वेतन (सरकारी नौकरियों में मूल वेतन और महंगाई भत्ता) अप्रैल से कुल वेतन का 50 फीसदी या अधिक होना चाहिए।
बढ़ेगा ग्रेच्युटी और पीएफ में योगदान

अगर ग्रेच्युटी और पीएफ में योगदान बढ़ता है तो रिटायरमेंट के बाद आपको मिलने वाली राशि में भी इजाफा होगा। इस नियम के लागू होने के बाद सबसे ज्यादा असर उन अधिकारियों पर पड़ेगा जिनकी आर्थिक आय ज्यादा है। पीएम और ग्रेच्युटी बढ़ेगी तो कंपनियों की लागत भी बढ़ेगी। क्योंकि कंपनियों को भी कर्मचारियों के पीएम में ज्यादा योगदान देना पड़ेगा। इसका असर कंपनियों की बैलेंस शीट पर भी नजर आएगा।
 
12 घंटे करना होगा काम

नए ड्राफ्ट कानून में कामकाज के अधिकतम घंटों को बढ़ाकर 12 करने का प्रस्ताव पेश किया है। हालांकि, ओएसच कोड के ड्राफ्ट नियमों में 15 से 30 मिनट के बीच के अतिरिक्त कामकाज को भी 30 मिनट गिनकर ओवरटाइम में शामिल करने का प्रावधान है। मौजूदा नियम में 30 मिनट से कम समय को ओवरटाइम योग्य नहीं माना जाता है। साथ  ही इस नए नियम में कर्मचारी से लगातार 5 घंटे से ज्यादा काम कराने पर भी रोक लगाया गया है। इसका मतलब ही कि हर पांच घंटे काम करने के बाद कर्मचारियों को आधा घंटे का आराम देने का निर्देश भी इस ड्राफ्ट नियम में शामिल है।