लोन देने वाले 27 एप्स को किया बैन
नई दिल्ली: भारत सरकार ने एक बार फिर चीन के मोबाइल एप्स पर बड़ी कार्रवाई की है। अब 27 ऐसे एप्स को प्रतिबंधित कर दिया गया है जो ऑनलाइन लोन दे रहे थे। इसमें से बड़ी संख्या में ऐसे एप्स थे जिनका संचालन चीन से हो रहा था। इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को गृह मंत्रालय की तरफ से भेज गए पत्र में 27 लोन देने वाले एप्स को प्रतिबंधित करने की बात कही गई थी। इन सभी एप्स को इन्फोर्मेशन टेक्नॉलजी एक्ट 2000 के सेक्शन 69अ के बैन किया गया है। यह जानकारी केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में दिया। इससे पहले पिछले साल सीमा पर हिंसक झड़प के बाद टिक टाॅक सहित कई चीनी एप्स को भारत की सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए बैन कर दिया गया था।
पिछले साल 12 लोगों ने की थी आत्महत्या
ये एप्स ऑनलाइन लोन देने के नाम पर ठगी कर रहे थे। पिछले साल 12 लोगों के ऑनलाइन एप्स लोन लेने के कारण आत्महत्या करने की बात सामने आई थी। जिसके बाद से ही इनपर कार्रवाई की मांग की जा रही थी। इन एप से प्रभावित लोगों ने पिछले दिनों सोशल मीडिया पर मुहीम भी छेड़ा था। तब लोगों ने ऑपेरशन ऑनलाइन हफ्ता वसूली के नाम से एक ट्रेंड चलाया था, जिसके बाद से सबका ध्यान इन एप की ओर गया।
लोन पर 300 प्रतिशत ब्याज दर वसूल रहे थे
नाम ना बताने की शर्त पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के एक अधिकारी ने हिंदुस्तान टाइम्स से कहा, 'यह देखा गया है कि कई ऐसी वेबसाइट और एप ऑनलाइन लोन पर 300% ब्याज दर वसूल रहे हैं, जो कि किसी भी कीमत पर स्वीकार्य नहीं है।' उन्होंने बताया, 'इस तरह की ऑनलाइन गतिविधियों की अनुमति नहीं दी जा सकती है। इस तरह की समस्याएं लाॅकडाउन के दौरान तेजी बढ़ी हैं। लोग अपनी नौकरियां गंवा दिए और उनकी कमाई हो गई थी।'
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से सिर्फ उन एप को छूट है जो बैंक के अपने एप हैं या फिर एनबीएफसी से रजिस्टर्ड हैं। क्योंकि ऐसी वेबसाइट और एप पूरी तरह से चिंहित हैं। ऐसे में इनके सारे ट्रांजैक्शन रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की नजर में बना रहता है। ऑनलाइन लोन देने वाले कुछ बैंक और वेबसाइट को चीन से भी फंड मिल रहा है। ऐसे एप बिना किसी अनुमति के आप से आपके कांटैक्ट लिस्ट, फोटो सहित कई जानकारियां बिना आपको बताए एक्सेस कर लेते हैं।