गाय के गोबर से बनी गोकाष्ठ (गोबरी) दिलाएगी मोक्ष- श्री उज्ज्वल गौरक्षण संस्थान (लोहारा) चंद्रपुर का उपक्रम , पर्यावरण के लिए है अनुकूल , संस्थान का लक्ष्य जंगलों की कटाई को रोककर पर्यावरण की रक्षा करना #गोबरी #श्रीउज्वलगौरक्षणचंद्रपुर #पर्यावरण

गाय के गोबर से बनी गोकाष्ठ (गोबरी) दिलाएगी मोक्ष- श्री उज्ज्वल गौरक्षण संस्थान (लोहारा) चंद्रपुर का उपक्रम

 पर्यावरण के लिए है अनुकूल

 संस्थान का लक्ष्य जंगलों की कटाई को रोककर पर्यावरण की रक्षा करना 

चंद्रपुर: गांव देहात इलाकों में आज भी गाय के गोबर से घर को लिपा-पोता जाता है. यह सत्य है कि गाय का गोबर एंटीबायोटिक की तरह काम करता है, जिस कारण आपके घरों में नुकसानदायक बैक्टीरिया या जीवाणु को यह निष्क्रिय कर देता है. यही नहीं देश में आज भी पूजा-पाठ के स्थान को गोबर लेप किया जाता है और फिर पूजा-पाठ की शुरुआत की जाती है. ऐसे में अब गाय के गोबर से बना पेंट बाजार में बिकने को तैयार है।

समाजसेवा अगर निस्वार्थ भाव से की जाए तो मानवता का कर्तव्य सही मायनों में निभाया जा सकता है। श्री उज्ज्वल गोरक्षण संस्थान लोहारा, चंद्रपुर  में समाजसेवियों द्वारा शुरू की गई अनूठी सेवा की मुहिम अब रंग ला रही है। धीरे-धीरे की गई छोटी शुरुआत ने अब बड़ा रूप ले लिया है।
 
 संस्थान ने अपने अथक परिश्रम से गाय के गोबर से गोकाष्ठ (गोबरी) तैयार कर रहे हैं। इसका इस्तेमाल अंतिम संस्कार के लिए किया जा सकता है। गोकष्ठ (गोबरी) का पर्यावरण के अनुकूल है।

 श्री उज्ज्वल गोरक्षण संस्थान पिछले 25 वर्षों से चंद्रपुर में गौरक्षा के पवित्र कार्य को अंजाम दे रहा है। इस संगठन का मुख्य उद्देश्य गायों और बैलो की देखभाल के साथ-साथ गौहत्या के लिए उठाए गए जानवरों को जीवन देना है। 
 यह केवल गौरक्षा का काम नहीं है, बल्कि संगठन कई सामाजिक गतिविधियों के साथ-साथ पर्यावरण के संरक्षण में भी सबसे आगे है।

 चन्द्रपुर जिले में वनों की कटाई के लिए जाना जाने वाला जंगल कवर, वनों की कटाई, अवैध कटाई और दाह संस्कार के लिए लकड़ी के उपयोग जैसे विभिन्न कारणों से दिन पर दिन गिरता जा रहा है।

 एक शव को दाह संस्कार के लिए लगभग 2 पेड़ इतनि लकड़ियां लग जाती हैं, जो स्वाभाविक रूप से प्रकृति के संतुलन को बिगाड़ता है।  इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि धुएं से प्रदूषण बढ़ता है और आग वातावरण के तापमान को बढ़ाती है, चंद्रपुर में श्री उज्जवल गौरक्षण संस्थान ने चंद्रपुर जिले के नागरिकों के लिए दाह संस्कार के लिए गाय के गोबरी के उपयोग को एक विकल्प के रूप में उपलब्ध कराया है।

 संगठन के पास हजारों गाय हैं और संगठन ने गाय के गोबर से गोबरी  बनाने और लकड़ी के बजाय गोबरी का उपयोग करके दाह संस्कार करने की पहल की है।  संगठन की यह पहल न केवल पर्यावरण का संरक्षण कर रही है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूत कर रही है।  यह विशेष है कि श्री उज्जवल गौरक्षण संस्थान अपनी अभिनव पहल के माध्यम से कई महिलाओं को रोजगार प्रदान कर रहा है और महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए भी योगदान दे रहा है।

 गोबरी वर्ष भर जिले के नागरिकों के लिए उपलब्ध होगी और जो लोग चाहते हैं कि गोबरी।
गोबरी ₹ २•५० प्रति नग
लगभग एक अंतिम विधि में २००० गोबारिया लगेगी।
श्री उज्जवल गोरक्षण केंद्र लोहारा में उपलब्ध।
 संपर्क करे -
1) जुगल सोमानी (9422191158) , 
2) पंकज शर्मा (9823350111),
3) दीपक डगली (9970056294)
 से संपर्क कर सकते हैं।