शिवसेना विधायक ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखी चिट्ठी , कहा- फिर से प्रधानमंत्री मोदी के साथ आ जाएं Shivsena MLA Letter

शिवसेना विधायक ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखी चिट्ठी , 

कहा- फिर से प्रधानमंत्री मोदी के साथ आ जाएं

चंद्रपुर, 20 जून : महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी की सरकार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. इस बात की तस्दीक शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक की चिट्ठी करती है जो उन्होंने पार्टी के अध्यक्ष और राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखी है. इस चिट्ठी में राज्य में गठबंधन सरकार की सहयोगी एनसीपी और कांग्रेस दोनों पर उन्होंने निशाना साधा है. इतना ही नहीं, उन्होंने उद्धव ठाकरे से ये अपील भी कर दी कि एक बार फिर से पीएम मोदी के साथ आ जाएं, ये पार्टी और कार्यकर्ताओं के लिए बेहतर रहेगा.

शिवसेना विधायक ने क्या लिखा?
शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक ने लिखा, “एनसीपी और कांग्रेस अपना मुख्यमंत्री चाहते हैं. कांग्रेस अकेले लड़ना चाहती है और एनसीपी शिवसेना से नेताओं को तोड़ने की कोशिश कर रही है. लगता है कि केंद्र से उन्हें परोक्ष रूप से समर्थन मिल रहा है, कोई केंद्रीय जांच एजेंसी एनसीपी नेताओं के पीछे नहीं है.”
प्रताप सरनाईक उद्धव ठाकरे को आगे लिखते हैं, “हम आपके और आपके नेतृत्व में विश्वास रखते हैं लेकिन कांग्रेस और एनसीपी हमारी पार्टी को कमजोर करने की कोशिश कर रही है. मेरा मानना ​​है कि आप अगर पीएम मोदी के और करीब आ जाएं तो बेहतर होगा. अगर हम एक बार फिर साथ आ जाएं तो पार्टी और कार्यकर्ताओं को फायदा होगा.”

इसके साथ ही उन्होंने लिखा, “केंद्रीय एजेंसियां ​​हमारी गलती के बिना हमें निशाना बना रही हैं, अगर आप पीएम मोदी के करीब आते हैं तो रवींद्र वायकर, अनिल परब, प्रताप सरनाईक जैसे नेताओं और उनके परिवारों की पीड़ा समाप्त हो जाएगी.”
वहीं, शिवसेना सांसद संजय राउत के एक बयान के बाद सवाल उठने लगे हैं कि क्या महाराष्ट्र सरकार में सबकुछ ठीक चल रहा है. दरअसल, रविवार को उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के हवाले से अकेले चुनाव लड़ने की बात कर रहे लोगों से कहा है कि जिन्हें अकेले चुनाव लड़ना है वो लड़े.

संजय राउत ने कहा, “कल शिवसेना का 55वां स्थापना दिवस था. इस अवसर पर सीएम ने बताया कि आने वाले दिनों में पार्टी की क्या भूमिका रहेगी. उन्होंने ये भी बताया कि महाराष्ट्र में जो अकेले चुनाव लड़ने की बात कर रहें, अगर वो ऐसा करेंगे तो हम क्या ऐसे ही बैठे रहेंगे? जिसे लड़ना है वो लड़े. शिवसेना ने राजनीतिक लड़ाई अपने ताकत पर लड़ी है. चाहे चुनाव में गठबंधन हो या न हो, लेकिन लड़ाई अपने ताकत पर ही लड़ी जाती है.