MH, MP, DL, UP, HR, के बाद अब सड़कों पर दौड़ेगी BH नंबर की गाड़ियां, पढ़ें- क्या है ये और कैसे आपको मिलेगा इसका फायदा Vehicle Ministry Has Introduced a new registration mark for new vehicles I.e. Bharat series

MH, MP,  DL , UP , HR . के बाद अब सड़कों पर दौड़ेगी BH नंबर की गाड़ियां, 

पढ़ें- क्या है ये और कैसे आपको मिलेगा इसका फायदा

#Loktantrakiawaaz
#NewVehiclePolicy
नई दिल्ली, 28 अगस्त: सड़क परिवहन मंत्रालय के एक नए नोटिफिकेशन के बाद गाड़ियों के ट्रांसफर में सुविधा होने वाली है। रक्षा कर्मियों, केंद्र और राज्य सरकारों के कर्मचारियों, पीएसयू और प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों और संस्थानों जिनके ऑफिस 4 या उससे ज्यादा राज्यों में हैं के कर्मचारी अपनी निजी गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन BH (भारत) सीरीज में करा सकते हैं।
(Vehicle Ministry Has Introduced a new Registration Mark for new vehicles I.e. Bharat Series)

सरकार की तरफ से अधिसूचित ये योजना स्वैच्छिक है, मतलब इसको अनिवार्य नहीं बनाया गया है। इस वक्त कोई भी वाहन मालिक अपनी गाड़ी को रजिस्टर्ड राज्य के अलावा अन्य राज्य में अधिकतम 1 साल के लिए ही रख सकता है। 12 महीने खत्म होने की स्थिति में एक बार फिर से रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है। BH सीरीज को इसलिए शुरू किया गया है, जिससे निजी वाहनों का ट्रांसफर बेहद आसानी से और किसी परेशानी के बिना किया जा सके।
ये उन लोगों के लिए बेहद फायदेमंद होगा, जिनका बार-बार ट्रांसफर होने की संभावना ज्यादा होती है और उन्हें अपनी गाड़ी दूसरे राज्यों में ले जानी होती है। BH सीरीज (भारत सीरीज) के वाहनों के लिए दूसरे राज्य में जाने पर दोबारा रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं होगी। वाहन मालिकों के पास BH सीरीज का ऑप्शन उपलब्ध होगा। इस स्थिति में उन्हें दो साल का रोड टैक्स या उससे ज्यादा का भुगतान करना होगा। इसमें आपको आरटीओ के पास जाने की भी जरूरत नहीं होगी। इस पूरी प्रक्रिया को इसी के चलते ऑनलाइन रखा गया है। इससे पहले मंत्रालय ने 'IN' सीरीज का प्रस्ताव रखा था। इसने यह भी प्रस्ताव दिया गया था कि कम से कम पांच राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ऑफिस वाली निजी फर्मों के कर्मचारी इसका फायदा ले सकेंगे।

👉🏻 क्या हैं इसके फायदे
आखिरी नोटिफिकेशन में IN को BH से बदल दिया गया है। इस वक्त प्राइवेट गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन के दौरान 15 साल के रोड टैक्स का भुगतान करना होता है। वहीं दूसरे राज्यों में जाने पर उन्हें फिर से 10 या 12 सालों के रोड टैक्स का भुगतान करना होता है, साथ ही रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया से दोबारा गुजरना होता है। जिसके बाद उन्हें पहले राज्य में भुगतान की गई राशि के दावा करने की जरूरत होती है, जिस राज्य में पहले वाहन रजिस्टर्ड था। इस व्यवस्था का उद्देश्य इस पूरी मशक्कत को खत्म करना है. हर राज्य में टैक्स का रोड टैक्स का स्लैब अलग-अलग होता है, लेकिन अब बीएच सीरीज में 10 लाख तक की लाकत के वाहन के लिए 8 फीसदी 10 से 20 लाख की गाड़ी के लिए 10 फीसदी, 20 लाख से ज्यादा की गाड़ि के लिए 12 फीसदी टैक्स तय किया गया है। डीजल वाहनों के लिए 2% अतिरिक्त शुल्क और इलेक्ट्रिक वाहनों पर 2% कम टैक्स लगाया जाएगा। चौदह साल पूरे होने के बाद मोटर वाहन पर सालान कर लगाया जाएगा, जो पहले वसूल की गई राशि का आधा होगा।