ऐसा क्यों हुआ जानिये?
मुंबई, 06 नवंबर :आयकर विभाग ने महाराष्ट्र के एक शहरी ऋण सहकारी बैंक में जमा 53 करोड़ से अधिक रुपये के लेन-देन पर रोक लगा दी है। (Income Tax Department Conducts Searches in Maharashtra's Credit Cooperative Society Suspicion Of Fraud)
विभाग ने यह कदम हाल में मारे गए छापों के दौरान खाते खोलने में घोर अनियमितता की बात सामने आने पर उठाया है। केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने शनिवार को यह जानकारी दी। सीबीडीटी ने बताया कि विभाग ने बैंक के मुख्यालयों और इसके अध्यक्ष और निदेशक के आवास पर 27 अक्टूबर को छापा मारा था। आधिकारिक बयान में हालांकि यह जानकारी नहीं दी गई कि किस संस्थान पर छापा मारा गया।
👉🏻 बैंक खाते खोलने में अनियमितता बरती गई
केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि कोर बैंकिंग सोल्यूशन्स (सीबीएस) पर बैंक आंकड़ों के विश्लेषण और छापे के दौरान अहम लोगों के बयानों से पता चला है कि बैंक खाते खोलने में घोर अनियमितताएं बरती गईं। सीबीडीटी ने कहा है कि 1,200 से अधिक बैंक खाते इस शाखा में बिना पैन कार्ड के खोले गए। इनमें एक साथ खोले गए सात सौ से अधिक ऐसे खातों की पहचान की गई जिनमें 34.10 करोड़ से अधिक नकदी खाते खुलने के सात दिनों के भीतर जमा की गई, खासतौर पर अगस्त 2020 से मई 2021 के बीच ये नकदी जमा की गई।
केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के बयान में कहा गया कि बैंक के अध्यक्ष, सीएमडी और शाखा प्रबंधक नकदी जमा के स्रोतों के बारे में जानकारी नहीं दे सके और उन्होंने स्वीकार किया कि यह बैंक के एक निदेशक के कहने पर किया गया, जो एक नामी स्थानीय कारोबारी है। फिलहाल मौजूदा साक्ष्यों और बयानों के आधार पर 53.72 करोड़ की पूरी राशि के लेनदेन पर रोक लगा दी गई है।
👉🏻 बिना पैन के खुला खाता
सीबीडीटी ने बयान में कहा, ''1,200 से अधिक बैंक खाते इस शाखा में बिना पैन कार्ड के खोले गए। इनमें एक साथ खोले गए सात सौ से अधिक ऐसे खातों की पहचान की गई जिनमें 34.10 करोड़ से अधिक नकदी खाते खुलने के सात दिनों के भीतर जमा की गई, खासतौर पर अगस्त 2020 से मई 2021 के बीच।''
👉🏻 नकदी के स्रोत का पता नहीं
बयान में कहा गया, ''अध्यक्ष, सीएमडी तथा शाखा प्रबंधक नकदी जमा के स्रोतों के बारे में जानकारी नहीं दे सके और उन्होंने स्वीकार किया कि यह बैंक के एक निदेशक के कहने पर किया गया, जो एक नामी स्थानीय कारोबारी है। एकत्रित साक्ष्यों और दर्ज बयानों के आधार पर 53.72 करोड़ की पूरी राशि के लेनदेन पर रोक लगा दी गई है।''