कौन होगे भारत के अगले राष्ट्रपति ? चार राज्यों में धमाकेदार जीत के बाद बीजेपी ने तेज की तलाश, जुलाई में होंगे चुनाव, जानिये क्या है प्रक्रिया ? Who will be the next President of India?

कौन होगे भारत के अगले राष्ट्रपति ?

⭕ चार राज्यों में धमाकेदार जीत के बाद बीजेपी ने तेज की तलाश

⭕ जुलाई में होंगे चुनाव

⭕ जानिये क्या है प्रक्रिया

भारत के राष्‍ट्रपति का चुनाव आने वाले जुलाई माह में होगा। पांच राज्‍यों में हाल ही में हुए चुनावों के परिणाम राज्यसभा पर सत्तारूढ़ भाजपा की पकड़ को मजबूत करते हैं और इस साल भारत के नए राष्ट्रपति के चुनाव के लिए पार्टी को मजबूती से खड़ा करते हैं। उत्तर प्रदेश में भाजपा की रिकॉर्ड जीत का 31 मार्च को राज्यसभा चुनाव और जुलाई में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव पर भी तत्काल प्रभाव पड़ेगा। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति भवन के लिए सबसे उपयुक्त उम्मीदवार के गहन मूल्यांकन के बाद निर्णय लेंगे। सूत्रों का कहना है कि अभी शुरुआती दिन हैं, लेकिन सरकार अपने सहयोगियों और सहयोगी दलों के साथ आम सहमति चाहती है, ताकि अगले राष्ट्रपति के बारे में फैसला करने के लिए "आरामदायक और कमांडिंग स्थिति" में हो।

➡️ ऐसे होता है राष्‍ट्रपति चुनाव
भारत के राष्ट्रपति का चुनाव एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है जिसका गठन 776 सांसदों और 4,120 विधायकों द्वारा किया जाता है। निर्वाचक मंडल की कुल ताकत 10,98,903 वोट है और भाजपा की ताकत आधे रास्ते से ऊपर है। एक सांसद के लिए प्रत्येक वोट का मूल्य 708 है। विधायकों के मामले में, वोट का मूल्य अलग-अलग राज्यों में भिन्न होता है। उत्तर प्रदेश में विधायक वोटों का मूल्य सबसे अधिक है - 208। उत्तर प्रदेश में भाजपा और उसके सहयोगियों के 270 से अधिक सीटें जीतने के साथ, सत्ताधारी पार्टी अगले राष्ट्रपति को चुनने के लिए अच्छी तरह से तैयार है।

➡️ एम वेंकैया नायडू शीर्ष पद के लिए सबसे आगे
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू शीर्ष पद के लिए सबसे आगे हैं, लेकिन भाजपा नेतृत्व ने अभी तक इस पर फैसला नहीं किया है कि क्या मौजूदा राम नाथ कोविंद को दूसरा कार्यकाल दिया जाना चाहिए। अब तक केवल पहले अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद ही दो बार निर्वाचित हुए थे।

➡️ आम सहमति बनाने की कोशिश करेगी सरकार
सरकार वाईएसआर कांग्रेस और नवीन पटनायक की बीजद जैसे सहयोगी दलों सहित अपने सहयोगियों के परामर्श से आम सहमति बनाने की कोशिश करेगी। विपक्षी दल राष्ट्रपति चुनाव के लिए एक संयुक्त उम्मीदवार खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस के लिए अपने खराब चुनावी प्रदर्शन के बाद इस कवायद में बढ़त हासिल करना मुश्किल होगा। ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस, एमके स्टालिन की द्रमुक, उद्धव ठाकरे की शिवसेना और के चंद्रशेखर राव की तेलंगाना राष्ट्र समिति जैसे क्षेत्रीय दलों के संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार को खड़ा करने का फैसला करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है।

➡️ प्रधानमंत्री मोदी की कार्यशैली चौंकाने वाली रही है
ये चर्चित नाम तो हैं, जिस पर भाजपा राष्ट्रपति के पद के लिए विचार कर सकती है, लेकिन PM नरेंद्र मोदी की कार्यशैली हमेशा सबको चौंकाने वाली रही है। जिस व्यक्ति की कहीं कोई चर्चा नहीं होती, उसे लेकर मोदी आते हैं। रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी जब बनाया गया तो, उस समय किसी ने भी कोविंद का नाम नहीं लिया था।

➡️ पिछले 45 साल से 25 जुलाई को ही खत्म होता है राष्ट्रपति का कार्यकाल
नीलम संजीव रेड्‌डी ने देश के 9वें राष्ट्रपति के तौर पर 25 जुलाई 1977 को शपथ ली थी। तब से हर बार 25 जुलाई को ही नए राष्ट्रपति कार्यभाल संभालते आए हैं। नीलम संजीव रेड्‌डी के बाद ज्ञानी जैल सिंह, आर. वेंकटरमन, शंकरदयाल शर्मा, के आर नारायणन, एपीजे अब्दुल कलाम, प्रतिभा पाटिल, प्रणव मुखर्जी और रामनाथ कोविंद 25 जुलाई को शपथ ले चुके हैं।

Who will be the new President of India?  After a bang victory in four states, BJP is looking for Tej, elections will be held in July, know what is the process?

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