महाराष्ट्र बनेगा देश का पहला राज्य Maharashtra will become the first state of the country

महाराष्ट्र बनेगा देश का पहला राज्य 

अपराधियों का बायोमेट्रिक डाटाबेस लॉन्च करने वाला पहला राज्य बनेगा महाराष्ट्र,

जानें पुलिस को कैसे मिलेगी मदद

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मुंबई, 01 अप्रैल: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (CM Uddhav Thackeray) शनिवार को अपराध रिकॉर्ड (Crime Records) वाले 6.5 लाख लोगों के डेटाबेस (Database) के साथ पुलिस (Maharashtra Police) जांच में सहायता के लिए एक डिजिटल फिंगरप्रिंट (Fingerprint) और आईरिस स्कैनिंग सिस्टम लॉन्च करेंगे. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इसे ऑटोमेटिक मल्टीमॉडल बायोमेट्रिक आइडेंटिफिकेशन सिस्टम कहा जाता है. (Automatic multimodal biometric identification system). ये एक अलग तरह का डेटा डिजिटलीकरण है. हमारे पास अनुमानित 6.5 लाख विचाराधीन कैदियों और दोषियों के बारे में विशिष्ठ आंकड़े हैं. पूरी जानकीर को फिंगरप्रिंट विशेषज्ञों के ब्यूरो द्वारा मान्य किया गया है. ये कानून लागू करने वाली एजेंसियों को बिजली की रफ्तार से अपराधियों को ट्रैक करने में मदद करेगा.
उन्होंने कहा कि पांच साल पहले एएमबीआईएस (AMBIS) परियोजना के लिए 53.6 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी. हमने विचाराधीन कैदियों और दोषियों के फिंगरप्रिंट, हथेली के निशान, चेहरे और बायोमेट्रिक डेटा को सुरक्षित कर लिया है और इसे सिस्टम में शामिल कर लिया गया है. नतीजन, कानून लागू करने वाली एजेंसियों के लिए ये संभव होगा कि वे किसी अपराध संदिग्ध की हिस्टी का तुरंत पता लगा सकेंगे. ये डेटा राज्य भर के सभी पुलिस स्टेशनों के साथ-साथ, अन्य एजेंसियों को भी उपलब्ध कराया जाएगा. ये काम एक निजी फर्म को सौंपा गया था.

▶️ पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दी थी मंजूरी
परियोजना के लिए प्रशासनिक स्वीकृति नवंबर 2016 में तब दी गई थी, जब देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री थे.(Devendra Fadanvis ).अप्रैल 2017 में परियोजना का मसौदा तैयार करने के लिए एक राज्य स्तरीय समिति का गठन किया गया था. इसके बाद उसी महीने 53.6 करोड़ रुपये का वर्क ऑर्डर जारी किया गया था और परियोजना का अनुबंध स्मार्ट चिप प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया था.

▶️ एजेंसियों के साथ भी साझा किया जाएगा डेटा
अधिकारी ने बताया कि इस योजना को पुलिस थानों, पुलिस इकाइयों, प्रशिक्षण केंद्रों और फिंगर प्रिंट इकाइयों को माध्यम से लागू किया जाएगा. इसी के साथ आईपीएस अधिकारियों और ईकाई प्रमुखों निर्देश दिए गए हैं. हमने सिस्टम के कार्यान्वयन के लिए राज्य स्तर, आयुक्तालयों और जिलों में उच्च स्तरीय समन्वय समितियों का गठन किया है. राज्य के गृह विभाग द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुसार एक सिस्टम आवश्यकता विनिर्देश दस्तावेज तैयार किया गया है. इसमें एक रूपांतरण योजना और सिस्टम आर्किटेक्चर डिजाइन, सिस्टम ओवरव्यू डिजाइन, आवश्यक निश्चित और इंटरफेस नियंत्रण दस्तावेज शामिल हैं.

Maharashtra will become the first state of the country.