एक नया खतरा : 15 दिन में 15 देशों तक पहुंचा मंकीपॉक्स मुंबई में संदिग्ध मरीजों के लिए बना आइसोलेशन वॉर्ड,WHO ने दी चेतावनी A new threat: Monkeypox reached 15 countries in 15 days, isolation ward for suspected patients in Mumbai, WHO warned

एक नया खतरा : 15 दिन में 15 देशों तक पहुंचा मंकीपॉक्स 

मुंबई में संदिग्ध मरीजों के लिए बना आइसोलेशन वॉर्ड,

WHO ने दी चेतावनी

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मुंबई: कोरोना महामारी से जूझ रही दुनिया के लोग अभी पूरी तरह इससे उबर भी नहीं पाये हैं कि अब एक और बीमारी ने अपना कहर ढाहना शुरू कर दिया है. इस बीमारी का नाम है मंकीपॉक्स. यह बहुत तेजी से दुनिया भर में फैल रही है. महज 15 दिन के अंदर इस बीमारी ने 15 देशों को अपने चपेट में ले लिया है.

शुक्रवार को बेल्जियम मंकीपॉक्स के मरीजों के लिए 21 दिन का क्वारैंटाइन पीरियड कंपलसरी करने वाला पहला देश बन गया. वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चेतावनी दी है कि किसी भी देश में इस बीमारी का एक मामला भी आउटब्रेक माना जाएगा.

➡️ अभी तक भारत ने नहीं मिला है एक भी मामला
दूसरी तरफ, भारत भी मंकीपॉक्स को तेजी से फैलता देख अलर्ट हो गया है. सोमवार को मुंबई के बृहन्मुंबई नगर निगम ने कस्तूरबा अस्पताल में मंकीपॉक्स के संदिग्ध मरीजों के लिए 28 बेड का आइसोलेशन वॉर्ड तैयार कर दिया है. हालांकि, अभी देश में इस बीमारी का एक भी मामला नहीं मिला है.

➡️ अब तक इन देशों में फैला मंकीपॉक्स
ब्रिटेन, अमेरिका, इटली, स्वीडन, फ्रांस, स्पेन, पुर्तगाल, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, बेल्जियम, नीदरलैंड्स, इजराइल, ऑस्ट्रिया और स्विट्जरलैंड में मंकीपॉक्स के केस सामने आए हैं. केवल 2 हफ्तों में ही मरीजों की संख्या 100 के पार जा चुकी है. हालांकि, इस बीमारी से अब तक एक भी मौत नहीं हुई है.

➡️ भारत सरकार भी एक्शन मोड में
मंकीपॉक्स को लेकर केंद्र सरकार की चिंता भी बढ़ गई है. तेजी से फैलते संक्रमण को देखते हुए नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (NCDC) और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) को अलर्ट जारी किया गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने एयरपोर्ट्स और बंदरगाहों के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मंकीपॉक्स प्रभावित देशों की यात्रा करके लौटे किसी भी बीमार यात्री को तुरंत आइसोलेट करें और सैंपल जांच के लिए पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) को भेजें.

➡️ गर्भवतियों और बच्चों को  है अधिक खतरा
WHO के अनुसार, मंकीपॉक्स जैसा दुर्लभ संक्रमण वैसे तो अपने आप ही ठीक हो जाता है, लेकिन यह कुछ लोगों में गंभीर साबित हो सकता है. ऐसे लोगों में छोटे बच्चे, गर्भवती महिलाएं और बेहद कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग शामिल हैं. 5 साल से छोटे बच्चे इसकी चपेट में जल्दी आते हैं.

WHO इस बात से भी चिंता में है कि जिन लोगों में मंकीपॉक्स की पुष्टि हो रही है, उनमें से ज्यादातर लोगों का अफ्रीकी देशों से कोई कनेक्शन नहीं है. दरअसल, यह वायरस ज्यादातर मध्य और पश्चिम अफ्रीकी देशों में पाया जाता है. नाइजीरिया, घाना और डीआर कांगो जैसे देशों में इसके मामले मिलना आम है.

➡️ क्या है मंकीपॉक्स, कैसे फैलता है?
मंकीपॉक्स एक वायरल इन्फेक्शन है, जो पहली बार 1958 में कैद किए गए बंदर में पाया गया था. 1970 में पहली बार इंसान में इसके संक्रमण के पुष्टि हुई थी. इसका वायरस चेचक के वायरस के परिवार का ही सदस्य है.

मंकीपॉक्स का संक्रमण आंख, नाक और मुंह के जरिए फैल सकता है. यह मरीज के कपड़े, बर्तन और बिस्तर को छूने से भी फैलता है. इसके अलावा बंदर, चूहे, गिलहरी जैसे जानवरों के काटने से या उनके खून और बॉडी फ्लुइड्स को छूने से भी मंकीपॉक्स फैल सकता है.

➡️ ये हैं  लक्षण
WHO के अनुसार, मंकीपॉक्स के लक्षण संक्रमण के 5वें दिन से 21वें दिन तक आ सकते हैं. शुरुआती लक्षण फ्लू जैसे होते हैं. इनमें बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, कमर दर्द, कंपकंपी छूटना, थकान और सूजी हुई लिम्फ नोड्स शामिल हैं. इसके बाद चेहरे पर मवाद से भरे दाने उभरने लगते हैं, जो शरीर के दूसरे हिस्सों में भी फैल जाते हैं और कुछ दिन बाद सूखकर गिर जाते हैं.

A new threat: Monkeypox reached 15 countries in 15 days, isolation ward for suspected patients in Mumbai, WHO warned.

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