विश्व स्वास्थ्य संगठन ने किया कोरोना वायरस को महामारी घोषित, केंद्रीय मंत्री समूह ने लिए कुछ महत्वपूर्ण निर्णय


नई दिल्ली,15 मार्च ,देश:
 नोवेल कोरोना वायरस रोग (कोविड-19) अब आधिकारिक रूप से एक वैश्विक महामारी है। दुनिया के 114 देशों में 1,18,000 से अधिक कोरोना वायरस के मामलों के साथ, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कल इसे महामारी घोषित कर दी।
 चीन के वुहान शहर में 31 दिसंबर, 2019 को पहला मामला घोषित होने के बाद से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी संबंधित मंत्रालयों / विभागों और राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों के शीर्ष अधिकारियों के साथ स्थिति की लगातार निगरानी और समीक्षा कर रहे हैं।
 कोरोना वायरस के प्रबंधन के लिए केंद्रीय मंत्रालयों द्वारा राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के साथ-साथ कारगर सामुदायिक निगरानी, क्वारंटिन सुविधाओं, पृथक वार्ड, पर्याप्त पीपीई, प्रशिक्षित कर्मियों, शीघ्र कार्रवाई टीमों के संदर्भ में कई उपाय किए गए हैं। तीन हवाई अड्डों (मुंबई, दिल्ली और कोलकाता) पर 17 जनवरी को हवाई अड्डों पर परीक्षण शुरू किया गया था, जो 21 जनवरी, 2020 को 4 और हवाई अड्डों (चेन्नई, कोचीन, बेंगलुरु, हैदराबाद) में विस्तारित किया गया।  बाद में, 30 हवाई अड्डों तक इसे विस्तारित किया गया। सभी यात्रियों का 30 हवाई अड्डों पर व्यापक रूप से परीक्षण किया जा रहा है। इसी तरह, 12 प्रमुख बंदरगाहों और 65 गैर-प्रमुख बंदरगाहों पर पहुंचने वाले जहाजों के लिए परीक्षण शुरू किया गया।
 भारत ने हमेशा विदेश में अपने नागरिकों की सुरक्षा और कल्याण को प्राथमिकता दी है और कोरोना वायरस प्रभावित देशों से 1 फरवरी, 2020 से अपने नागरिकों को समय पर सुरक्षित निकालकर लाने की शुरूआत की। अब तक, भारत सरकार ने मालदीव, म्यांमार, बांग्लादेश, चीन, अमेरिका, मेडागास्कर, श्रीलंका, नेपाल, दक्षिण अफ्रीका और पेरू जैसे अन्य देशों के संबंधित 48 नागरिकों के साथ-साथ 900  भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकाला है।
 प्रधानमंत्री के निर्देश पर, स्थिति की निरंतर निगरानी करने और तैयारियों का मूल्यांकन करने और देश में कोरोना वायरस के प्रबंधन के बारे में उपाय करने के लिए एक उच्च-स्तरीय मंत्री समूह का गठन किया गया था। स्थिति पर मार्गदर्शन, समीक्षा और निगरानी को लेकर मंत्री समूह की अब तक 6 बैठकें हो चुकी हैं। तेजी से बदलती स्थिति को ध्यान में रखते हुए, मंत्री समूह की दो बैठकें आयोजित की गईं। मंत्री समूह ने विभिन्न एहतियाती उपायों पर विचार-विमर्श किया, जिन्हें भारत के नागरिकों के हित में माना जा सकता है। कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता वाली सचिवों की समिति की सिफारिशों के आधार पर, मंत्री समूह ने कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए, जो इस प्रकार हैं :-
-सभी मौजूदा वीजा (राजनयिक, आधिकारिक, संयुक्त राष्ट्र/अंतर्राष्ट्रीय संगठन, रोजगार, परियोजना वीजा को छोड़कर) 15 अप्रैल, 2020 तक निलंबित हैं। यह प्रस्थान के बंदरगाह पर 13 मार्च, 2020 को 1200 जीएमटी से लागू होगा।
-ओसीआई कार्ड धारकों को दी जाने वाली वीजा मुक्त यात्रा की सुविधा 15 अप्रैल, 2020 तक स्थगित रखी गई है। यह प्रस्थान के बंदरगाह पर 13 मार्च, 2020 को 1200 जीएमटी से लागू होगी।
-भारत में पहले से मौजूद ओसीआई कार्ड धारक जब तक चाहें तब तक भारत में रह सकते हैं।
-भारत में पहले से मौजूद सभी विदेशियों के वीजा वैध रहते हैं और वे अपने वीज़ा के विस्तार / रूपांतरण आदि के लिए ई-एफआरआरओ मॉड्यूल के माध्यम से निकटतम एफआरआरओ / एफआरओ से संपर्क कर सकते हैं, यदि वे ऐसा करने का विकल्प चुनते हैं।
-कोई भी विदेशी नागरिक जो अत्यावश्यक कारण से भारत की यात्रा करने का इरादा रखता है, निकटतम भारतीय मिशन से संपर्क कर सकता है।
-पहले से ही वीजा प्रतिबंधों के अलावा, इटली या कोरिया गणराज्य से जाने वाले और भारत में प्रवेश करने के इच्छुक यात्रियों को इन देशों के स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा अधिकृत नामित प्रयोगशालाओं से परीक्षण के बाद कोरोना वायरस से मुक्त होने के प्रमाण-पत्र की आवश्यकता होगी। यह 10 मार्च, 2020 को 00:00 बजे से प्रभावी है तथा कोरोना वायरस के मामलों पर नियंत्रण कायम करने का एक अस्थायी उपाय है।
-15 फरवरी, 2020 के बाद चीन, इटली, ईरान, कोरिया गणराज्य, फ्रांस, स्पेन और जर्मनी की यात्रा से आने वाले भारतीय नागरिकों सहित सभी यात्रियों को न्यूनतम 14 दिनों के लिए क्वारंटिन में रखा जाएगा। यह प्रस्थान के बंदरगाह पर 13 मार्च, 2020 को 1200 जीएमटी से लागू होगा।
-भारतीय नागरिकों सहित, आने वाले यात्रियों को अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी जाती है और सूचित किया जाता है कि भारत में आने पर उन्हें न्यूनतम 14 दिनों के लिए क्वारंटिन पर रखा जाएगा।
-चीन, इटली, ईरान, कोरिया गणराज्य, फ्रांस, स्पेन और जर्मनी की यात्रा करने से परहेज करने के लिए भारतीय नागरिकों को दृढ़ता से सलाह दी जाती है।
-भारत लौटने वाले सभी अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों को अपने स्वास्थ्य की निगरानी करनी चाहिए और सरकार द्वारा विस्तृत के रूप में आवश्यक कार्यों का पालन करना चाहिए।
-भूमि सीमाओं के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय यातायात को कारगर परीक्षण सुविधाओं वाले निर्धारित चेक पोस्ट तक सीमित रखा जाएगा। इन्हें गृह मंत्रालय द्वारा अलग से सूचित किया जाएगा।
-भारत में प्रवेश करने वाले सभी अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों के लिए स्वास्थ्य अधिकारियों और आव्रजन अधिकारियों को डुप्लीकेट सेल्फ-डिक्लेरेशन फॉर्म को व्यक्तिगत रूप से (व्यक्तिगत विवरणों के साथ फोन नंबर और भारत में पता सहित) प्रस्तुत करना और    सभी बिंदुओं पर निर्धारित स्वास्थ्य काउंटरों  पर व्यापक स्वास्थ्य परीक्षण से गुजरना आवश्यक है।