पूरी दुनिया में 31 मई के दिन विश्व तंबाकू निषेध दिवस (World No Tobacco Day) मनाया जाता है।
हम सभी यह बात जानते हैं कि आज की युवा पीढ़ी कितनी तेजी से तंबाकू निर्मित पदार्थों का सेवन करने में आगे बढ़ रही है। स्मोकिंग,हुक्का, कच्ची तंबाकू, पान मसाला आदि पदार्थ तंबाकू से कहीं ना कहीं जरूर तैयार किए जाते हैं और युवाओं के द्वारा इसका बड़े पैमाने पर सेवन भी किया जा रहा है जो उनके स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी कहा है कि धूम्रपान करने वालों के वायरस की चपेट में आने की संभावना ज्यादा है क्योंकि धूम्रपान के दौरान उंगलियां होंठों पर होती हैं, जिससे हाथ से मुंह में संक्रमण जाने की संभावना बढ़ जाती है।
तंबाकू सेहत के लिए हानिकारक होता है, ये बात जानते हुए भी लोग दुनियाभर में इसका सेवन कर रहे हैं। WHO की रिपोर्ट के मुताबिक तांबाकू के कारण हर साल तकरीबन 80 लाख लोगों की मौत होती है। कोरोना काल में तो इसका खतरा और भी ज्यादा बढ़ गया है । तंबाकू के खतरों को उजागर करने और लोगों में इसके प्रति जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 31 मई को 'वर्ल्ड नो तंबाकू डे' सेलिब्रिट किया जाता है।
तंबाकू का सेवन करने वाले लोग लंग्स डिसॉर्डर, कैंसर, डायबिटीज़ और हाइपरटेंशन जैसी बीमारियों का शिकार होते हैं। लेकिन कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद इसका खतरा और भी जानलेवा हो गया है।अब तक ऐसी कई रिपोर्ट सामने आ चुकी हैं जिनमें तंबाकू या धूम्रपान का सेवन करने वालों को कोरोना से ज्यादा खतरा होने का दावा किया गया है।
UCSF के 'सेंट्रल फॉर तंबाकू कंट्रोल रिसर्च एंड एजुकेशन' के प्रोफेसर ग्लैंट्स ने एक हालिया रिपोर्ट में कहा था कि धूम्रपान करने वाले लोगों को कोविड-19 से ज्यादा खतरा है। चीन, दक्षिण कोरिया और अमेरिका के कुछ शोध पत्रों को देखने के बाद वे इस नतीजे पर पहुंचे कि नॉन स्मोकर की तुलना में सिगरेट पीने वाले 30 प्रतिशत लोगों में कोरोना गंभीर रूप से विकसित होता है।
एक अन्य स्टडी के मुताबिक भी धूम्रपान करने वाले मरीज एक बार अस्पताल में दाखिल हुए तो उनकी जान बचना बहुत मुश्किल हो जाता है। इस रिपोर्ट में बताया गया कि धूम्रपान करने वाले लोगों के शरीर को कोरोना बड़ी तेजी से खोखला करता है।
रिपोर्ट के मुताबिक तंबाकू का सेवन करने वाले कोरोना मरीजों का 'डेथ रेट' काफी ज्यादा है। सिगरेट पीने वाले पॉजिटिव लोगों में करीब 47 प्रतिशत लोगों की मौत हुई है। बाद में सिगरेट छोड़ने वाले 31 प्रतिशत लोग भी जिंदगी से जंग हारे हैं। वहीं, सिगरेट न पीने वालों में करीब 35 प्रतिशत की मौत हुई है।
तुर्की के एंटी एडिक्शन ग्रुप के प्रमुख के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय न्यूज एजेंसी Anadolu Agency का भी कुछ ऐसा ही कहना है । इसकी रिपोर्ट के मुताबिक, धूम्रपान या तंबाकू का सेवन करने वालों में कोरोनो वायरस का खतरा 14 गुना अधिक है।
नशे के खिलाफ लड़ने वाले तुर्की के ग्रीन क्रिसेंट संगठन के अध्यक्ष प्रोफेसर मुसाहित ओज्तुर्क ने कोरोना महामारी से बचने के लिए लोगों से धूम्रपान छोड़ने की अपील की है।
उन्होंने कहा, 'तम्बाकू और तम्बाकू उत्पादों का उपयोग करने से कोरोना वायरस से संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है । इसलिए, खुद को बचाना है तो सभी नशीले पदार्थों से दूर रहना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि धूम्रपान शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करता है और कोरोना वायरस के उपचार पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
ओज्तुर्क ने बताया, 'कमजोर इम्यून सिस्टम सेहत के लिए खतरनाक है क्योंकि इसकी वजह से इलाज की प्रक्रिया में देरी आती है। भले ही आप कभी-कभी धूम्रपान करते हों, यह महामारी के इलाज में अड़चन डाल सकता है।
ओज्तुर्क के अनुसार, 'धूम्रपान फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है और कफ प्रतिवर्त को ब्लॉक कर देता है। इससे वायरस और बैक्टीरिया वायुमार्ग और फेफड़ों से चिपक जाते हैं और संक्रमण गंभीर हो जाता है।'