केन्द्र सरकार ने किये GST में बदलाव, टैक्स सिस्टम , कई चीजें हो गईं सस्ती ; किसान , आम आदमी और कारोबारी को मिली राहत #GST #Govt

केन्द्र सरकार ने किये GST में बदलाव, टैक्स सिस्टम , कई चीजें हो गईं सस्ती ; किसान , आम आदमी और कारोबारी को मिली राहत

नई दिल्ली , 24 अगस्त : केन्द्रीय वित्त मंत्रलाय ने  बताया कि जीएसटी लागू होने के बाद से, बड़ी संख्या में वस्तुओं पर कर की दर को नीचे लाया गया। अब तक 28% की दर लगभग पूरी तरह से व्यसनकारी उत्पादों और विलासिता की वस्तुओं तक सीमित है।

वित्त मंत्रालय ने कई ट्वीट कर बताया है कि जीएसटी लागू होने से पहले देश में वैट, एक्साइज, केंद्रीय बिक्री कर और टैक्स पर टैक्स के संयोजक प्रभाव के चलते टैक्स की स्टैंडर्ड रेट कई मामलों में 31% तक पहुंच गई थी। देशभर में फैले बाजारों पर प्रत्येक राज्य में टैक्स की एक अलग दर लागू होना भारी अक्षमता और अनुपालन की उच्च लागत का कारण बना। जीएसटी के तहत, अनुपालन में लगातार सुधार हो रहा है और करदाता आधार लगभग दोगुना होकर 1.24 करोड़ हो गया है। केन्द्रीय वित्त मंत्रालय के मुताबिक, जीएसटी ने उस दर को कम कर दिया है, जिस पर लोगों को कर का भुगतान करना पड़ता है. RNR समिति के अनुसार पहले देश में रेवेन्यु न्यूट्रल रेट 15.3% थी। इसकी तुलना में आरबीआई के अनुसार, वर्तमान में वेटेड जीएसटी रेट केवल 11.6% है।
28% के स्लैब की कुल 230 वस्तुओं में से लगभग 200 वस्तुओं को निचले स्लैब में स्थानांतरित कर दिया गया है। इसके अलावा निर्माण क्षेत्र, विशेष रूप से आवास क्षेत्र को महत्वपूर्ण राहत प्रदान की गई है। इसे अब 5% की दर पर रखा गया है। किफायती आवास पर जीएसटी कम करके 1% कर दिया गया है।

इसकी स्थापना के समय GST द्वारा कवर किए गए करदाताओं की संख्या लगभग 65 लाख थी। अब करदाता आधार 1.24 करोड़ से अधिक है। इसके साथ ही जीएसटी में सभी प्रक्रियाएं पूरी तरह से स्वचालित हैं। अब तक 50 करोड़ रिटर्न ऑनलाइन भरे गए और 131 करोड़ ई-वे बिल जनरेट किए गए हैं।
वित्त मंत्रालय के मुताबिक अब, 40 लाख रुपये तक के सालाना कारोबार वाले कारोबारियों को जीएसटी से छूट है। शुरुआत में यह सीमा 20 लाख रुपये थी।

इसके अतिरिक्त, 1.5 करोड़ रुपये तक के टर्नओवर वाले लोग कंपोजिशन स्कीम का विकल्प चुन सकते हैं, जिसमें उन्हें केवल 1% कर का भुगतान करना होगा। वित्त मंत्रालय ने बताया कि जीएसटी से रोल आउट होने के बाद करदाता आधार लगभग दोगुना हो गया है।


कोरोना काल में करदाताओं को छूट देने के लिए मोदी सरकार ने कई बड़े फैसले लिए हैं। सोमवार को वित्त मंत्रालय ने इससे संबंधित बड़े ऐलान किए।

जिसके तहत अब 40 लाख रुपये तक के सालाना करोबार वाले व्यापारियों को जीएसटी में छूट मिलेगी। इससे पहले ये सीमा 20 लाख रुपये रखी गई थी। लॉकडाउन से प्रभावित कारोबारियों के लिए केंद्र सरकार की ओर से ये बड़ी सौगात है।
कारोबारियों को कैसे फायदा

वित्त मंत्रालय के मुताबिक, 40 लाख रुपये तक के सालाना टर्नओवर वाले कारोबारियों को जीएसटी से छूट है। शुरुआत में यह सीमा 20 लाख रुपये थी। इसके अतिरिक्त, 1.5 करोड़ रुपये तक के टर्नओवर वाले लोग कंपोजिशन स्कीम का विकल्प चुन सकते हैं और सामान के लिए केवल 1% कर का भुगतान कर सकते हैं।

कृषि क्षेत्र को कैसे मिला फायदा

कृषि क्षेत्र को जीएसटी में पर्याप्त रियायतें दी गई हैं। उर्वरकों पर जीएसटी में शुद्ध कर को घटाकर आधा कर दिया गया। कृषि यंत्रों पर कर की दरें 15-18% से कम होकर 12% हो गईं और कुछ वस्तुओं पर लगभग 8% से 5% तक की कमी आई है। मवेशियों के चारे, जलीय चारे और मुर्गी चारे सभी को जीएसटी में शून्य दर पर रखा गया है, जैसा कि सभी प्रकार के बीजों के लिए है। दूसरे शब्दों में, कृषि प्रक्रिया में काम आने वाले इन महत्वपूर्ण घटकों पर जीएसटी प्रणाली के तहत किसी भी प्रकार का कोई कर नहीं लगता। रासायनिक उर्वरकों पर जीएसटी लागू होने से पहले कर की दर 10% से अधिक थी (1% उत्पाद शुल्क, 2.44% एम्बेडेड उत्पाद शुल्क, लगभग 4% वेटेड एवरेज वैट और 2.5% सीएसटी, ऑक्ट्रोई, इत्यादि), जबकि जीएसटी प्रणाली में सभी प्रकार के रासायनिक उर्वरकों पर कर की दर केवल 5% है।