महाराष्ट्र में पूर्ण लॉकडाउन लगाने के बारे में क्या कहा स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने ? #Maharashtra #Lockdown #RajeshTope

राजेश टोपे ने लोगों से भी अपील की कि वे किसी भी अफवाहों पर विश्वास न करें

मुंबई : महाराष्ट्र में कोरोनो वायरस  रोगियों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है, राज्य में एक और लॉकडाउन की बात की जा रही है। इस बारे में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा है कि, राज्य में पूर्ण रूप से लॉकडाउन लगाने की कोई संभावना नहीं है, लेकिन चरण दर चरण सख्त प्रतिबंध जरूर लगाए जा सकते हैं।

महाराष्ट्र राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए, राजेश टोपे ने राज्य में तालाबंदी के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि गोवा, केरल, गुजरात और दिल्ली में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या बढ़ रही है। हालांकि महाराष्ट्र में इन राज्यों की अपेक्षा कोरोना विकास दर बहुत कम है।

उन्होंने कहा, कारोना की एक और लहर की संभावना को देखते हुए प्रशासन हर संभव सावधानी बरत रहा है। राज्य ने कोरोना टेस्ट को बढ़ाने का निर्णय लिया है। विभिन्न स्थानों पर क्वारंटाइन सेंटर, कोविड अस्पतालों को बेड सहित आवश्यक उपकरण उप्लब्ध कराने, कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने और दवाओं के भंडार को बढ़ाने का निर्देश दिया गया है। टोपे ने स्पष्ट किया कि, प्रशासन हालात पर पैनी नजर बनाए हुए है।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, प्रशासन द्वारा जनता को सतर्क रहने के निर्देश दिए जा रहे हैं। जब तक आवश्यक न हो घर से बाहर नहीं निकलने, मास्क पहनने, सामाजिक दूर का पालन करने, साफ सफाई रखने सहित आदि सावधानी रूरी है, फिर भी इन सुझावों की जनता द्वारा अनदेखी की जा रही है। दिवाली उत्सव के दौरान बाजारों में भीड़ सभी ने देखी, सार्वजनिक स्थानो, सड़क जगहों पर भीड़ हो रही है। लोग मास्क पहनने और सामाजिक दूरी का पालन करने में लापरवाही बरत रहे हैं।

यदि लोग नियमों का पालन नहीं करते हैं तो चरण दर चरण फिर से प्रतिबंध लगाए जाएंगे। बिना वजह घूमने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बाजारों में भीड़ करने वाले, मास्क नहीं पहनने वालों पर, रात में घूमने वालों पर जुर्माना लगाया जाएगा। इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्रियों के साथ विचार-विमर्श के बाद जल्द ही निर्णय लिया जाएगा। हालांकि, राजेश टोपे ने लोगों से भी अपील की कि वे किसी भी अफवाहों पर विश्वास न करें क्योंकि राज्य में पूर्ण तालाबंदी नहीं लागू होगी।

समाचार पत्र विक्रेता, दुकानदार, दूध विक्रेता आदि जो 'सुपर स्प्रेडर' समूह में आते हैं, इन सभी की जांच की जाएगी। जिला कलेक्टरों को सार्वजनिक स्थानों पर काम करने वाले लोगों को प्राथमिकता आधार पर जांच करने का निर्देश दिया गया है।

राजेश टोपे ने यह भी कहा कि, यदि एंटीजन टेस्ट नकारात्मक आता है और संबंधित व्यक्ति में फिर भी लक्षण दिखाई देता है तो उसका आरटी-पीसीआर (RT-PCR) टेस्ट कराया जाएगा।