अब जमीन की रजिस्ट्री कराना होगा आसान ,केन्द्र सरकार बदल रही है नियम। #PropertyRegistry #Land

अब जमीन की रजिस्ट्री कराना होगा आसान 

केन्द्र सरकार बदल रही है नियम

नई दिल्ली, 21 नवंबर : विश्व बैंक की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस इंडेक्स में भारत की रैंकिंग को बेहतर बनाने की दिशा में एक कदम बढ़ाते हुए केन्द्र सरकार ने प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन को राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड के साथ जोडऩे का फैसला किया है। केन्द्र सरकार के इस फैसले से न केवल भूमि संबंधी विवादों में अधिक ट्रांसपेरेंसी आएगी, बल्कि वाणिज्यिक मामलों को तेजी से ट्रैक करने में भी मदद मिलेगी।

बताया जा रहा है कि राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड के साथ प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन को लिंक करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की ई-कमेटी, भूमि संसाधन विभाग और अन्य प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक आयोजित की गई थी। कैबिनेट सचिवालय को सौंपी गई रिपोर्ट में कानून मंत्रालय ने कहा कि पहली बैठक नियमों के सरलीकरण और प्री-इंस्टीट्यूशन मीडिएशन एंड सेटलमेंट के लिए 12 अक्टूबर को आयोजित की गई थी। सुप्रीम कोर्ट की ई-कमेटी ने प्रक्रियाओं को और सरल बनाने के लिए दिल्ली, मुम्बई, कलकत्ता और कर्नाटक हाईकोर्ट के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की।
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सभी मुख्यमंत्रियों को स्पेसिफिक रिलीफ एक्ट के तहत डेडिकेट्ड स्पेशल कोर्ट स्थापित करने के लिए लिखा है। वहीं वाणिज्यिक मामलों के निपटान को सुनिश्चित करने के लिए, सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट में उच्च न्यायिक सेवाओं के 42 अतिरिक्त पद सृजित किए हैं, जो अतिरिक्त डेडिकेट्ड स्पेशल कोर्ट को स्थापित करने में मदद करेंगे। वर्तमान में दिल्ली में 22 डेडिकेट्ड स्पेशल कोर्ट हैं।

कोरोना महामारी के कारण सरकार ने सभी कमर्शियल कोर्ट को मामलों की ई-फाइलिंग अनिवार्य करने के लिए कहा था। दिल्ली और मुंबई हाईकोर्ट को 30 जून तक और कोलकाता एवं कर्नाटक हाईकोर्ट को 30 सितंबर तक सभी डेडिकेट्ड कमर्शियल कोर्ट में ई-फाइलिंग प्रक्रिया को लागू करने के लिए कहा गया था।