बेंगलुरु, 29 मार्च : बेंगलुरु में इस महीने की शुरुआत से 26 मार्च तक 10 साल से कम उम्र के 470 से ज्यादा बच्चे कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं। शहर में संक्रमण के मामलों में तीव्र वृद्धि देखने को मिल रही है।
आधिकारिक आंकड़े के अनुसार कुल 244 लड़के और 228 लड़कियां एक से 26 मार्च तक संक्रमित हुए। इस महीने की शुरुआत में प्रतिदिन आठ से नौ बच्चे संक्रमित हो रहे थे, लेकिन उनकी संख्या धीरे-धीरे बढ़ती गई और 26 मार्च को यह 46 तक पुहंच गई। इन सभी बच्चों की उम्र दस साल से कम है।
विशेषज्ञों के अनुसार पहले की तुलना में अब बच्चों के संक्रमित होने का ज्यादा खतरा है क्योंकि कार्यक्रमों, जमावड़ों और कुछ कक्षाओं के लिए विद्यालय खुल जाने के बाद बच्चे घर से ज्यादा निकल रहे हैं, जबकि ऐसा लॉकडाउन लगे रहने के दौरान नहीं होता था।
पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया के महामारी विशेषज्ञ एवं प्रोफेसर डॉक्टर गिरिधर आर बाबू ने कहा, 'विद्यालयों के खुलने, कार्यक्रमों और जमावड़ों में हिस्सा लेने की वजह से वे ज्यादा खतरे का सामना कर रहे हैं। इससे पहले वे सुरक्षित थे, लेकिन उनके कई तरह की गतिविधियों में शामिल होने की वजह से खतरा अब ज्यादा बढ़ गया है।'
उन्होंने कहा कि कई मामलों में तो बच्चों से घर के सदस्यों में भी संक्रमण का प्रसार हो रहा है। अधिकारियों ने बताया कि बच्चे ज्यादा खतरे का सामना कर रहे हैं क्योंकि उनके लिए सामाजिक दूरी का पालन करना और लंबे समय तक मास्क पहने रहना मुश्किल होता है। उन्होंने कहा कि भले ही 10 साल से कम उम्र के बच्चे विद्यालय नहीं जा रहे हों, लेकिन वे अन्य बच्चों के साथ मैदानों और पार्कों में खेलते हैं।
सबसे ज्यादा परेशानी पेरेंट्स को झेलनी पड़ रही है। उन्हें यह समझ नहीं आ रहा है कि छोटे बच्चों में कोरोना की कैसे पहचान की जाए। जाहिर है बच्चे अक्सर आम सर्दी या फ्लू के लक्षणों से पीड़ित रहते हैं। यह कैसे मालूम किया जाए कि उनके लक्षण सर्दी-फ्लू के हैं या कोरोना वायरस के।