विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की नई चेतावनी ,आपको थोड़ा परेशान अवश्य कर सकती #WorldHealthOrganisation #WHO

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की नई चेतावनी 

आपको थोड़ा परेशान अवश्य कर सकती

नई दिल्ली : कोरोना वायरस एक ऐसी माहमारी के रूप में अपने पांव पसार चुका है जिससे निजात पाने का कोई भी तरीका शत प्रतिशत कारगर साबित नहीं हो पा रहा है। सोशल डिस्टेंसिंग से लेकर लॉकडाउन तक बड़े कदम उठाने के बाद भी कोविड -19 वारयस अभी भी हमारे बीच मौजूद है। 2021 की शुरुआत में ही भारत ने कोरोना वयरस की रोकथाम के लिए वैक्सीन का निर्माण तो अवश्य किया, जिसे देश-विदेश में निर्यात भी किया जा रहा है...लेकिन यह कितनी कारगर साबित होगी...इसके साइड इफेक्ट्स क्या रहेंगे ये बात अभी भी विवादास्पद ही है। हालांकि नए साल की शुरुआत के साथ ही साथ कोरोना वायरस के प्रभाव में कुछ हद तक कमी अवश्य देखी जा सकती है... जिसकी वजह से शायद बहुत से लोग मास्क पहनने, सामाजिक दूरी रखने में थोड़ी बहुत ढिलाई भी दिखा रहे हैं... अगर आपकी गिनती भी इन्हीं लोगों में है तो डब्ल्यूएचओ (WHO) यानि विश्व स्वास्थ्य संगठन की नई चेतावनी आपको थोड़ा परेशान अवश्य कर सकती है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि कोरोना वायरस का संकट इस साल के अंत तक भी खत्म नहीं होने जा रहा है....जो लोग यह सोचते हैं कि वारयस अब उतना प्रभावी नहीं है या इस वर्ष के अंत तक इसका संकट टल जाएगा तो यह बात पूरी तरह आपकी अपरिपक्वता जाहिर करती है।
डब्ल्यूएचओ (WHO)
डब्ल्यूएचओ का कहना है कि वैक्सीन आ जाने से भले ही कोरोना के मामलों में या इसकी वजह से होने वाली मृत्यु के आंकड़ों में कमी आ सकती है लेकिन यह कहना कि कोरोना का प्रभाव अब समाप्त हो चुका है या इस माहमारी का संकट टल चुका है केवल आपकी भूल के अलावा और कुछ नहीं कहा जाएगा।

आम लड़ाई
डल्यूएचओ (WHO) के इमरजेंसी प्रोग्राम के डायरेक्टर का कहना है कि अगर हम समझदार और परिपक्व है तो हमें बिना किसी भेदभाव या विवाद में उलझते हुए कोरोना से संबंधित आंकड़ों में कमी लाने की कोशिश करनी चाहिए अन्यथा बात इस हत तक बिगड़ सकती है कि स्थिति पूरी तरह नियंत्रण से ही बाहर हो जाए। उनका कहना है कि ये कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है बल्कि सभी देश एक आम लड़ाई में शामिल है जो निश्चित रूप से कोरोना वायरस को समाप्त करने के लिए लड़ी जा रही है।

हालिया स्थिति
भारत की हालिया स्थिति के मद्देनजर यह कहना गलत नहीं होगा कि हमारी ढिलाई की वजह से ही कोरोना के मामलों में काफी तेजी आने लगी है.... पहले जो रफ्तार थम सी गई थी... जो आंकड़े कम होने लगे थे अब भारत के कुछ राज्यों में उनमें तेजी आने लगी है। इससे पहले की हालात जिन्हें बड़ी ही म्शक्कत के साथ नियंत्रित किया गया है...पुन: हमारे नियंत्रण से बाहर हो जाए हमें स्वयं को यह समझा लेन चाहिए कि यह अभी भी खतरा टला नहीं है... सावधानी में ही सुरक्षा है...।