जानिए क्या है नियम?
नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए टीकाकरण अभियान जारी है. 18-44 उम्र वर्ग के लोगों को टीका लगवाने के लिए 'कोविन' पोर्टल या एप पर रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है. साथ ही रजिस्ट्रेशन के समय पहचान पत्र के तौर पर आधार कार्ड, वोटर आईडी, पासपोर्ट, लाइसेंस, पैन कार्ड, एनपीआर स्मार्ट कार्ड या पेंशन दस्तावेज का नंबर दर्ज कराना अनिवार्य है.
हालांकि, देश में कुछ ऐसे लोग भी मौजूद हैं, जिनके पास फोटो पहचान पत्र के नाम पर कुछ भी नहीं है. लेकिन ऐसे लोगों को भी टीकाकरण अभियान से जोड़ने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गाइडलाइंस जारी की हैं.
मंत्रालय ने ऐसे लोगों के ग्रुप की पहचान की है, जिनके पास आमतौर पर कोई पहचान पत्र नहीं होता है. इनमें विभिन्न धर्मों के साधु/संत, जेल के कैदी, वृद्धाश्रम के लोग, भिखारी, पुनर्वास केंद्रों में रहने वाले लोग शामिल हैं. इन लोगों को बिना पहचान पत्र के भी टीका लगाए जाने की व्यवस्था की गई है.
केंद्र की ओर से जारी की गई गाइडलाइंस
मंत्रालय ने कहा है कि अल्पसंख्यक मामलों के विभाग, सामाजिक न्याय कल्याण विभाग आदि की सहायता से जिला टास्क फोर्स ऐसे व्यक्तियों के समूहों की पहचान कर सकती है जिनके पास कोई भी फोटो पहचान पत्र नहीं है. लाभार्थियों की संख्या की जानकारी राज्य स्तर पर एकत्रित की जानी चाहिए और राज्य सरकार द्वारा इन एसओपी के कार्यान्वयन के लिए स्पष्ट निर्देश दिए जाना चाहिए. इसके बाद उनको टीका लगाया जाना चाहिए.
मंत्रालय ने आगे कहा, जिला टास्क फोर्स द्वारा एक जिला नोडल अधिकारी नामित किया जा सकता है. पहचान किए गए लोगों के ग्रुप के टीकाकरण के लिए जिला टीकाकरण अधिकारी (डीआईओ) जिम्मेदार होगा. कोविन पोर्टल पर विशेष टीकाकरण की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. लाभार्थियों को डिजिटल टीकाकरण प्रमाण पत्र वैक्सीनेशन सेंटर पर ही दिया जाएगा. जिला नोडल अधिकारी यह सुनिश्चित करने के लिए व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होगा कि ये विशेष छूट केवल उन लोगों के लिए है जिनके पास अनिवार्य फोटो पहचान पत्र नहीं है.
टीकाकरण के लिए पहचान पत्र के तौर पर आधार कार्ड, वोटर आईडी, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, एनपीआर स्मार्ट कार्ड या पेंशन दस्तावेज का होना अनिवार्य है. लेकिन कुछ लोगों को इससे छूट दी गई है.