फिर कड़े प्रतिबंधों की ओर बढ़ा महाराष्ट्र
मुंबई, 25 जुन : महाराष्ट्र सरकार ने अनलॉक के लिए महाराष्ट्र राज्य के सभी जिलों और नगरपालिकाओं को पांच चरणों में बांटा था. अब इस नियमावली में बड़े बदलाव किए गए हैं. इस नए फेरबदल में अब राज्य के सभी जिले, शहर और पालिका तीसरे चरण में होंगे. राज्य में तीसरी लहर की आशंका और डेल्टा प्लस वेरिएंट के नए खतरे सामने आए हैं और पिछले कुछ दिनों से एक बार फिर कोरोना संक्रमण की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है. इस वजह से कुछ नए कठोर निर्णय लिए गए हैं.
महाराष्ट्र राज्य के रत्नागिरी, जलगाव सहित कुछ जिलों में कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट से जुड़े कई मरीज सामने आए हैं. यह वेरिएंट कोरोना की दूसरी लहर में तबाही मचाने वाले डेल्टा वेरिएंट से भी अधिक तेजी से फैलता है और इसका असर भी ज्यादा घातक होता है. इस पार्श्वभूमि में प्रशासन अत्यधिक सतर्क हो गया है. यह ध्यान में रखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग को नए आदेश दिए गए हैं.
नए नियम के तहत कोरोना संक्रमण दर या ऑक्सीजन बेड की संख्या कितनी भी कम क्यों ना हो, राज्य के सभी जिले तीसरे चरण में ही रखे जाएंगे. इसके अनुसार स्थानीय प्रशासन को अपने-अपने जिलों में कठोर नियम लागू किए जाने का अधिकार दिया गया है. इसके लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को राज्य सरकार की अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है.
अब अगर नियमों में ढिलाई देेनी होगी तो एक हफ्ते की बजाए लगातार दो हफ्तों के कोरोना संक्रमण में कमी का रिकॉर्ड देखा जाएगा. जबकि नियमों को कठोर करने के लिए एक हफ्ते में ही संक्रमण बढ़ता हुआ दिखाई दे, तो वह कारण काफी होगा. इसके लिए दो हफ्तों के रिकॉर्ड का इंतजार करने की ज़रूरत नहीं होगी.
पॉजिटिविटी रेट अब सिर्फ आरटीपीसीआर टेस्ट से तय होगा
‘ब्रेक द चेन’ (Break the Chain)के तहत लागू किए गए नियमों में ढिलाई देने के लिए राज्य सरकार ने राज्य के इलाकों को पहले पांच चरणों में बांटा था. इसके लिए कोरोना संक्रमण के पॉजिटिविटी रेट और ऑक्सीजन बेड ऑक्यूपेंसी की शर्तें लागू थीं. एंटीजेन और आरटीपीसीआर, इन दोनों टेस्ट को स्वीकार किया जा रहा था. अब रैपिड एंटीजेन टेस्ट या किसी और टेस्ट को मान्यता नहीं दी जाएगी. सिर्फ आरटी-पीसीआर (RT-PCR) टेस्ट को ही स्वीकार किया जाएगा.
अब तक के नियमों के तहत रैपिड एंटीजेन टेस्ट या आरटीपीसीआर टेस्ट से किसी जिले में पॉजिटिविटी रेट 5 प्रतिशत से कम और ऑक्सीजन बेड 25 प्रतिशत से भी कम भरे होते थे तो वहां 100 प्रतिशत छूट लागू की गई थी. लेकिन अब इसमें फेरबदल किया गया है. इसके तहत कोरोना पॉजिटिविटी रेट तय करने के लिए अब सिर्फ आरटी-पीसीआर टेस्ट को ही स्वीकार किया जाएगा.पांच चरणों में वर्गीकरण वाला यह आदेश 4 जून को जारी किया गया था. लेकिन कोरोना का वायरस लगातार अपने रूप बदल रहा है. इससे तीसरी लहर की आशंका मजबूत होती जा रही है. इसे ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है.
डेल्टा प्लस वेरिएंट से हुइ पहली मौत, राज्य में दहशत
देश में 40 डेल्टा प्लस वेरिएंट के मरीज पाए गए हैं. इनमें से 21 महाराष्ट्र के हैं. उन 21 मरीजों में से एक की आज रत्नागिरी में मौत हो गई. डेल्टा प्लस वेरिएंट से मरने वाले मरीज एक अन्य बीमारी से भी पीड़ित थे. उनकी उम्र 80 साल थी. डेल्टा प्लस वेरिएंट से हुई इस पहली मौत से राज्य सरकार सतर्क हो गई है.