नई दिल्ली : कोरोना के कहर के बीच एक और डराने वाली खबर सामने आयी है। दिल्ली के एम्स अस्पताल में एवियन इन्फ्लूएंजा H5N1 (बर्ड फ्लू) के मरीज की पहली मौत हुई है। राजधानी दिल्ली के एम्स में 11 साल के बच्चे की एवियन इन्फ्लूएंजा से मौत हो गई है। मरीज की मौत के बाद संपर्क में आए सभी अस्पताल के कर्मचारियों को आइसोलेशन में रखा गया है।
लेकिन 11 साल की बच्चे की मौत की खबर ने सबको हैरान कर दिया है। इसके साथ ही सरकार और आम लोगों की चिंताओं को भी बढ़ा दिया है। इस साल की शुरुआत में बर्ड फ्लू को लेकर देश के कई राज्यों में पक्षियों की मौत के बाद अलर्ट जारी किया गया था।
👉🏻 इंसानों में बर्ड फ्लू किसी मरे या जिंदा पक्षी के संपर्क में आने से होता है। बर्ड फ्लू से संक्रमित पक्षी की बीट या लार में यह वायरस पाया जाता है। या कई बार हवा के जरिए भी यह संक्रमण फैलता है। अगर कोई इंसान संक्रमित पक्षी को छूता और फिर उसके बाद अपनी आंख, नाक या मुंह को छू लेता है तो वायरस उस शख्स के शरीर में प्रवेश कर सकता है।
👉🏻 इसी तरह अगर कोई पक्षी बिल्कुल स्वस्थ्य है लेकिन वो उस जगह पर है जहां वायरस मौजूद है, तो उस पक्षी को यह संक्रमित कर सकता है। अगर कोई पक्षी जैसे चिड़िया, बत्तख या फिर मुर्गी अपने पंख फड़फड़ाती है तो इससे वायरस हवा में भी फैल सकता है।
👉🏻 इसके बाद यह सांस के जरिए इंसान के शरीर में प्रवेश कर सकता है। इस वायरस को लेकर एक राहत वाली यह है कि इसका संक्रमण अभी तक सिर्फ पक्षी से इंसानों में ही देखा गया है। इंसान से इंसान में संक्रमण का कोई भी मामला अभी तक सामने नहीं आया है। ऐसे में जो लोग भी पोल्ट्री फार्म में कार्य करतें हैं या पक्षियों के संपर्क में सीधे तौर पर रहते हैं उन्हें ज़्यादा सावधानी बरतने कि आवश्यकता है।