क्या आप कैबिनेट मंत्री, राज्य मंत्री और राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार में अंतर जानते हैं ? यहां लीजिए पूरी जानकारी Cabinet Ministers

क्या आप कैबिनेट मंत्री, राज्य मंत्री और राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार में अंतर जानते हैं ?

यहां लीजिए पूरी जानकारी

नई दिल्ली : कई बार आपने सुना होगा कि किसी सांसद को कैबिनेट मंत्री पद मिला है तो किसी को किसी मंत्रालय का राज्य मंत्री बनाया गया है। वहीं कुछ ऐसे भी होते हैं जिन्हें राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार का दर्जा मिलता है। वहीं इस बात की चर्चा आपने 7 जुलाई को हुए मोदी सरकार के मंत्रिमंडल के विस्तार में भी देखी होगी। बता दें कि मोदी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में 15 नए कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं। वहीं इस विस्तार में 28 राज्य मंत्री बनाए गए है। फिलहाल क्या आपको पता है कि आखिर केंद्रीय मंत्री, राज्य मंत्री, राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार में क्या अंतर होता है? अगर नहीं तो, चलिए हम आपको बताते हैं। बता दें कि इसमें बेसिक अंतर बस इतना होता है कि केंद्रीय मंत्री के अलावा बाकी के दो मंत्री केंद्रीय मंत्री की मदद के लिए होते हैं। वहीं इन तीनों में बढ़ते से घटते पॉवर क्रम के हिसाब से कैबिनेट मंत्री पहले नंबर पर आते हैं।
➡️ कैबिनेट मंत्री

कैबिनेट मंत्री केंद्र सरकार की कैबिनेट का प्रमुख अंग होता है। यह सीधे तौर पर मंत्र‍िमंडल का हिस्सा होता है। कैबिनेट मंत्री को जो मंत्रालय का नेतृत्व करने के लिए मिला होता है, उसके लिए वो सीधे तौर पर जिम्मेदार होता है। इससे जुड़े सभी बैठको में वो भाग लेता है और वहां अपने संबंधित क्षेत्र के लिए काम करता है। कैबिनेट मंत्री मंत्रिमंडल का खास हिस्सा होता है। इनके पास एक या इससे अध‍िक मंत्रालय भी आवंटित किए जाते हैं। वहीं सरकार के सभी फैसलों में कैबिनेट मंत्री सीधे तौर पर शामिल होते हैं। आमतौर पर हर हफ्ते कैबिनेट की बैठक होती है। जिसमें कैबिनेट मंत्री शामिल होते है। इसके अलावा सरकार के किसी भी फैसले,अध्यादेश, नये कानून या फिर कानून संसोधन को कैबिनेट की बैठक में ही तय करती है। कैबिनेट मंत्री इसका हिस्सा होता है।
➡️ राज्य मंत्री

एक तरह से कहा जाए तो राज्य मंत्री कैबिनेट मंत्री के सहायक होता है। इस तरह का मंत्री कैबिनेट मिनिस्टर के नीचे काम करता है। बता दें कि एक कैबिनेट मंत्री के अंडर में एक से अधिक राज्य मंत्री भी हो सकते हैं। जैसे कि एक मंत्रालय के अंदर कई विभाग होते हैं, ऐसे में इसको संभालने के लिए राज्य मंत्रियों की नियुक्ति होती है। जिसमें कार्य बांटे जा सकें। ताकि वो कैबिनेट मंत्री को मंत्रालय चलाने में मदद कर सकें। इसमें खास बात यह भी कि कैबिनेट मंत्री की तरह ही राज्य मंत्री को भी सुविधाएं मिलती हैं।
➡️ राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार

मंत्री परिषद में जिसे स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री बनाया जाता है, उनके पास आवंटित मंत्रालय और विभाग की पूरी जवाबदेही होती है। हालांकि कैबिनेट मंत्री की तरह कैबिनेट बैठक में शामिल नहीं हो सकते। कैबिनेट इनको उनके मंत्रालय या विभाग से संबंधित मसलों पर चर्चा और फैसलों के लिए खास मौकों पर बुला सकता है।

मंत्रिमंडल विस्तार में बने नए केंद्रीय मंत्रियों के नाम

नारायण राणे, सर्बानंद सोनोवाल, वीरेंद्र कुमार, ज्योतिरादित्य सिंधिया, रामचंद्र प्रसाद सिंह, अश्विनी वैष्णव, पशुपति कुमार पारस और भूपेंद्र यादव नए चेहरे हैं। वहीं किरण रिजिजू, राम कुमार सिंह, हरदीप सिंह पुरी, मनसुख मंडाविया, पुरुषोत्तम रूपाल, जी किशन रेड्डी, अनुराग ठाकर भी शामिल हैं।

मंत्रिमंडल विस्तार में नए राज्य मंत्री

पंकज चौधरी, अनुप्रिया पटेल, सत्यपाल सिंह बघेल, राजीव चंद्रशेखर, मीनाक्षी लेखी, अन्नपूर्ण देवी, ए नारायणस्वामी, कौशल किशोर, अजय भट्ट, बी एल वर्मा, अजय कुमार, देवू सिंह चौहान, शोभा कारंदलाजे, भानु प्रताप सिंह वर्मा, दर्शना विक्रम जारदोश, भागवंत खुबा, कपिल पाटिल, प्रतिमा भौमिक, सुभास सरकार, भागवत किशनराव कराद, राजकुमार रंजन सिंह, भारती प्रवीण पवार, बिश्वेश्वर देडु, शांतनु ठाकुर, मुंजापारा महेंद्रभाई, जॉन बारला, एल मुरुगन, निसिथ प्रमाणिक शामिल हैं।