मुंबई, 11 अगस्त : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अब भारत के दिवंगत प्रधानमंत्री राजीव गाँधी के ‘सम्मान’ में उतर आए हैं। कुछ ही दिनों पहले केंद्र सरकार द्वारा ‘खेल रत्न’ से राजीव गाँधी का नाम हटा कर इसे हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के नाम पर कर दिया गया था। शिवसेना ने इस कदम से आपत्ति जताई थी। अब महाराष्ट्र की ‘महा विकास अघाड़ी (MVA)’ सरकार ने ‘इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (IT)’ क्षेत्र में राजीव गाँधी के नाम पर अवॉर्ड की घोषणा की।
उद्धव ठाकरे की सरकार ने मंगलवार (10 अगस्त, 2021) को राजीव गाँधी के नाम पर IT क्षेत्र के संगठनों के लिए अवॉर्ड की घोषणा करते हुए कहा कि तकनीक की मदद से समाज में योगदान देने वालों को ये सम्मान मिलेगा। महाराष्ट्र की शिवसेना-NCP-कॉन्ग्रेस सरकार द्वारा जारी किए गए आदेश के मुताबिक, 1984-89 में प्रधानमंत्री रहे राजीव गाँधी ने IT सेक्टर को काफी प्रोत्साहन दिया था, इसीलिए उनके नाम पर इस अवॉर्ड की घोषणा की गई है।
हर साल 20 अगस्त को ये अवॉर्ड दिया जाएगा। इसी दिन राजीव गाँधी की जयंती भी मनाई जाती है। किस आधार पर मूल्यांकन कर के अवॉर्ड देना है, इसके लिए ‘महाराष्ट्र इन्फॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी कॉर्पोरेशन’ को नोडल एजेंसी नियुक्त करते हुए इसका खाका तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है। इस साल भी ये सम्मान दिया जाएगा, लेकिन इसके लिए 20 अक्टूबर तक का समय लग सकता है।
राजीव गाँधी का जन्म 20 अगस्त, 1944 को मुंबई में हुआ था। बता दें कि महाराष्ट्र की तीन सत्ताधारी दलों में कॉन्ग्रेस भी शामिल है। महाराष्ट्र के IT मंत्री सतेज पाटिल ने ट्विटर पर इसकी घोषणा करते हुए कहा कि IT सेक्टर को बढ़ावा देने वाले राजीव गाँधी को श्रद्धांजलि के रूप में इस अवॉर्ड की घोषणा की गई है। बता दें कि सतेज पाटिल कॉन्ग्रेस के ही नेता हैं। इस दौरान कई सोशल मीडिया यूजर्स ने महाराष्ट्र सरकार की चुटकी भी ली।
किसी ने महाराष्ट्र का ही नाम बदल कर ‘राजीव प्रदेश’ करने की सलाह दे दी तो किसी ने जावा, ऑरेकल, क्लाउड सर्विसेज और माइक्रोसॉफ्ट के नाम के आगे भी ‘राजीव गाँधी’ लगा देने की सलाह दे डाली। शिवसेना मुखपत्र पहले ही ‘खेल रत्न’ का नाम बदले जाने को राजनीतिक एजेंडा बता चुका है। पार्टी सांसद संजय राउत ने कहा था कि राजीव गाँधी को अपमानित किए बिना ही मेजर ध्यानचंद को सम्मान दिया जा सकता था।
उधर कर्नाटक के नागरहोल में स्थित राजीव गाँधी राष्ट्रीय उद्यान का नाम भी बदलने की माँग तेज हो गई है। माँग की गई है कि नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान का नाम कोडंडेरा मडप्पा करियप्पा (Kodandera Madappa Cariappa) के नाम पर रखा जाए, जो भारतीय सेना में पहले कमांडर-इन-चीफ थे। बता दें कि कोडागु के मूल निवासी करियप्पा का जन्म 28 जनवरी 1899 को मदिकेरी, कोडागु में हुआ था और उनका तीन दशकों का विशिष्ट सैन्य करियर था।