महाराष्ट्र के स्टूडेंट्स और पेरेंट्स के लिए बड़ी खबर #MaharashtraSchoolReOpen #महाराष्ट्रसरकार

🎒 महाराष्ट्र के स्टूडेंट्स और पेरेंट्स के लिए बड़ी खबर

🎒 महाराष्ट्र में 4 अक्टूबर से स्कूल  खुलेंगे

#Loktantrakiawaaz
मुंबई, 24 सितंबर: महाराष्ट्र के स्टूडेंट्स और पेरेंट्स के लिए बड़ी खबर है. महाराष्ट्र में 4 अक्टूबर से स्कूल शुरू (School reopening in Maharashtra) होने जा रहे हैं. कोरोना नियमों का पालन करते हुए महाराष्ट्र राज्य भर में स्कूल शुरू होंगे.

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (CM Uddhav Thackeray) ने इस प्रस्ताव पर अपनी स्वीकृति दे दी है. स्कूली शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड (Varsha Gaikwad) ने इसकी घोषणा करते हुए बताया कि शहरी भागों में स्कूल 8वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए खुलेंगे. ग्रामीण भागों में 5 वीं से 12 वीं तक के वर्गों के लिए स्कूल खुल जाएंगे.

👉🏻 बच्चों को बुलाने के लिए अभिभावकों की सहमति जरूरी, अटेंडेंस का दबाव नहीं
कोरोना की वजह से राज्य में बंद स्कूलों को खोलने के लिए राज्य शिक्षा विभाग (Maharashtra Education Department) ने प्रस्ताव भेजा था. राज्य के कोरोना टास्क फोर्स से सलाह-मशविरे के बाद मुख्यमंत्री ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है. लेकिन साथ ही कोरोना से जुड़ी परिस्थितियों को देखते हुए फैसले में फेरबदल करने का अधिकार जिलाधिकारियों को होगा. यानी जिन जिलों में कोरोना से जुड़ी स्थितियां अनुकूल ना हों, वहां जिलाधिकारी स्कूल बंद रखने का निर्णय ले सकते हैं.बच्चों को बुलाने के लिए अभिभावकों की सहमति जरूरी होगी. विद्यार्थियों पर अटेंडेंस के लिए दबाव नहीं डाला जाएगा.

👉🏻 शहरी भागों में 8 वीं से 12 वीं और ग्रामीण भागों में 5 वीं से 12 वीं तक की कक्षाएं शुरू होंगी
डेढ़ साल बार राज्य में स्कूल खुलने जा रहे हैं. ग्रामीण भागों में पांचवी कक्षा से ऊपर के सभी वर्गों के लिए स्कूल खोले जाएंगे. यानी पांचवीं से कम के बच्चों को अभी घर में रहना होगा. शहरी भागों में स्कूल 8वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए खुलेंगे. स्कूल में कोरोना से जुड़े सभी उपायों का ध्यान रखना होगा. बच्चोंं को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बेंचों में बैठाना होगा. एक बेंट में एक ही बच्चा बैठ सकेगा. स्कूल में सैनिटाइजेशन की व्यवस्था भी रखना अनिवार्य होगा. बच्चों की तादाद ज्यादा हो तो स्कूल बच्चों को अलग-अलग शिफ्टों में बुलाए. मास्क लगाना जरूरी होगा. शिक्षकों का वैक्नीनेशन कंप्लीट होना अनिवार्य होगा.

👉🏻 जिलाधिकारियों के पास कोरोना परिस्थितियों को देखते हुए फैसले बदलने का अधिकार
हालांकि पिछले साल के अंत में राज्य के ग्रामीण इलाकों में स्कूल शुरू किए गए थे. लेकिन बाद में जब कोरोना संक्रमण में तेजी आई तो स्कूल बंद कर दिए गए थे. इस बार भी कोरोना से जुड़ी परिस्थितियों को देखते हुए निर्णय लेने का अधिकार स्थानीय प्रशासन को दिया गया है. जिलाधिकारियों को अपने जिले में कोरोना की स्थितियों को देखते हुए फैसलों में फेरबदल करने का अधिकार होगा. पिछली बार स्कूल शुरू करते वक्त कोरोना काल से जुड़े जो नियम तय किए गए थे और स्कूल प्रशासन को जो निर्देश दिए गए थे, स्कूल शुरू करते वक्त उन निर्देशों का पालन करना होगा.