रईस लोग कर रहे देश से पलायन, भारत छोड़ने वालों में रईस लोग सबसे आगे , वर्ष 2020 में करीब 5000 रईसों ने भारत को अलविदा कहा Richest Family Of India

👉🏻 रईस लोग कर रहे देश से पलायन

👉🏻 भारत छोड़ने वालों में रईस लोग सबसे आगे 

👉🏻  वर्ष 2020 में करीब 5000 रईसों ने भारत को अलविदा कहा

वैसे, भारत छोड़ने वालों में रईस लोग सबसे आगे हैं। (India)  ग्लोबल वेल्थ माइग्रेशन रिव्यु रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2020 में करीब 5000 रईसों ने भारत को अलविदा कह दिया। रईसों के लिए मनपसंद देश में जाकर बसना आसान होता है क्योंकि ये लोग बड़ी रकम निवेश कर आसानी से परमानेंट रेजिडेंस पा सकते हैं। कुछ महीनों पहले सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया के सीईओ अदर पूनावाला भी भारत छोड़ कर लन्दन बस गए थे।
(Serum Institute Adar Punawala, London)

सभी लोग पश्चिमी देशों में रहना चाहते हैं और ऐसे लोगों की लिस्ट में भारत का सबसे अमीर परिवार भी शामिल हो गया है। जी हाँ, बताया जाता है कि मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) अब सिर्फ मुम्बई (Mumbai) में ही नहीं रहेंगे । बल्कि परिवार समेत लन्दन में आधा समय व्यतीत करेंगे। इस बार तो अम्बानी परिवार ने दिवाली पूजा भी लन्दन के नए घर में की (mukesh ambani new house in london) ।

एफ्रएशिया बैंक और न्यू वर्ल्डं वेल्थ नामक रिसर्च फर्म द्वारा जारी ग्लोबल वेल्था माइग्रेशन रिव्यू 2019 में बताया गया है कि 2018 में भारत की कुल धन-संपदा का 48 फीसदी अकेले सबसे ज़्यादा अमीर लोगों (एचएनआइ) की जेब में था। ऐसे अमीर लोगों की संख्या के मामले में भारत दुनिया में शीर्ष दस देशों के बीच नौवें स्थान पर था। यहां सर्वाधिक अमीर लोगों की संख्याी 2018 में तीन लाख 27 हजार 100 थी। ये लोग भारत की करीब आधी धन-दौलत के मालिक थे। इन्हीं में से 5000 अकेले पिछले साल भारत छोड़ कर बाहर चले गए। इनके बाहर जाने की सबसे बड़ी वजहों में बच्चों और औरतों की सुरक्षा की चिंता बतायी गई है। इसके अलावा जलवायु, प्रदूषण, वित्तीसय कारण, कर, धार्मिक तनाव, कारोबारी अवसर, स्वायस्य्रद सेवा और शिक्षा तथा उत्पीड़नकारी सरकार कुछ और कारण हैं । जिनके चलते सबसे अमीर लोग देश से बाहर जाकर बस रहे हैं।

वे उन बाज़ारों में ज्यादा निवेश कर रहे हैं, जहां जीवन ज्यादा आसान है। ऐसे लोग शायद टैक्स सिस्टम से बचने के लिए या यहां उम्मीद से कम आर्थिक अवसरों की वजह से या फिर यहां सार्वजनिक जीवन में कटुता बढ़ते जाने के कारण बढ़ती अनिश्चितता के कारण एक पैर भारत में तो दूसरा विदेश में रखने लगे हैं। वजह जो भी हो, पुराने आर्थिक शरणार्थियों की जगह अब वे लोग ले रहे हैं जो दौलत वाले हैं, अच्छी पोजीशन पर हैं।भारत की राजनीतिक व्यवस्था और अर्थव्यवस्था के सिस्टम के कारण भी वे देश को छोड़ रहे हैं या उससे दूर रह रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया और कनाडा जैसे कम आबादी वाले देशों के राजनयिक बताते हैं कि विदेश बसने की मांग करने वाले भारतीयों की संख्या में अचानक वृद्धि हुई है।