महाराष्ट्र राज्य के 376 स्टेट ट्रांसपोर्ट (ST) कर्मचारी निलंबित, 16 विभागों के 45 बस डिपो से 376 एसटी कर्मचारियों पर निलंबन की कार्रवाई

🚌 महाराष्ट्र राज्य के 376 स्टेट ट्रांसपोर्ट (ST) कर्मचारी निलंबित

 🚌  16 विभागों के 45 बस डिपो से 376 एसटी कर्मचारियों पर निलंबन की कार्रवाई 

मुंबई, 09 नवंबर:महाराष्ट्र में स्टेट ट्रांसपोर्ट (Maharashtra State Road Transport Corporation-MSRTC) के कर्मचारियों ने पिछले कुछ दिनों से अपनी मांगों को लेकर काम बंद किया हुआ है। वे हड़ताल पर चले गए हैं।

कर्मचारी फिर से काम पर लोटें, इसके लिए सरकार समय-समय पर उनसे अपील करती रही है। हाईकोर्ट ने भी हड़ताल को अवैध ठहराया है. लेकिन कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं। पर्व-त्योंहारों के वक्त ST कर्मचारियों के काम बंद कर बैठ जाने से राज्य परिवहन की बसें नहीं चल रही हैं। इससे आम मुसाफिरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में अब महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) ने एक सख्त फैसला किया है। महाराष्ट्र राज्य भर के 16 विभागों के 45 बस डिपो से 376 एसटी कर्मचारियों पर निलंबन की कार्रवाई की गई है। इनमें नासिक विभाग से कलवण डिपो के 17 कर्मचारियों, वर्धा ब्रांच से वर्धा और हिंगणघाट डिपो के 40 कर्मचारियों, गडचिरोली ब्रांच से अहेरी, ब्रह्मपुरी, गडचिरोली डिपो के 14 कर्मचारियों, चंद्रपुर ब्रांच से चंद्रपुर, राजुरा, विकासा डिपो के 14 कर्मचारियों, लातूर ब्रांच से औसा, उदगीर, निलंगा, अहमपुर, लातूर डिपो के 31 कर्मचारियों, नांदेड़ ब्रांच से किनवट, भोकर, माहुर, कंधार, नांदेड़, हादगाव, मुखेड, बिलोली, देगलुर डिपो के 58 कर्मचारियों, भंडारा ब्रांच से तुमसर, तिरोडी, गोंदिया डिपो के 30 कर्मचारियों, सोलापुर विभाग से अक्कलकोट डिपो के 2 कर्मचारियों को सस्पेंड किए जाने की खबर है।

इसी तरह यवतमाल विभाग से पांढरकवडा, रालेगाव, यवतमाल डिपो के 57 कर्मचारियों, औरंगाबाद विभाग से औरंगाबाद-1 डिपो से 5 कर्मचारियों, परभणी विभाग से हिंगोली और गंगाखेड डिपो के 10 कर्मचारियों, जालना विभाग से जाफराबाद और अंबड डिपो से 16 कर्मचारियों, नागपुर विभाग से गणेशपेठ, घाटरोड, इमामवाडा, वर्धमान नगर डिपो के 18 कर्मचारियों, जलगाव विभाग से अंमलनेर डिपो के चार कर्मचारियों, धुले विभाग से धुले डिपो के दो कर्मचारियों, सांगली विभाग से जत, पलुस, इस्लामपुर, आटपाडी डिपो के 58 कर्मचारियों को सस्पेंड किया गया है।

इस बारे में राज्य के परिवहन मंत्री अनिल परब ने आज कहा, "एसटी कर्मचारियों की हड़ताल पर कोर्ट ने आदेश देते हुए इसे गैरकानूनी ठहराया था। इसके बावजूद कुछ एसटी कर्मचारियों के संगठनों ने स्ट्राइक करने का नोटिस दिया था। इसके बाद मामला हाई कोर्ट में पहुंचा। उच्च न्यायालय ने इस स्ट्राइक को गैरकानूनी बताया है। इसके बावजूद हड़ताल शुरू है। कल (8 नवंबर, सोमवार) हम उच्च न्यायालय गए। न्यायालय ने हमें कोर्ट की अवमानना की याचिका दायर करने को कहा। इसलिए हम अब एसटी महामंडल की ओर से न्यायालय की अवमानना की याचिका दाखिल कर रहे हैं।" इधर बस कर्मचारी भी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। यानी आंदोलन अभी और आगे खिंचेगा। बसें अभी और कुछ दिनों तक नहीं चलेंगी।