अब फोन पर नहीं सुनाई देगी कोरोना संदेशों की कॉलर ट्यून, जानें क्या है इसकी वजह, बंद करने की तैयारी में सरकार

अब फोन पर नहीं सुनाई देगी कोरोना संदेशों की 'कॉलर ट्यून', 

जानें क्या है इसकी वजह

बंद करने की तैयारी में सरकार

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नई दिल्ली : कोरोना महामारी (Corona Pandemic) की शुरुआत के समय से दूरसंचार प्रदाताओं द्वारा कोविड-19 (Covid-19) के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए कॉल से पहले निर्धारित घोषणाएं जल्द ही इतिहास बन सकती हैं.
  बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लगभग 2 वर्ष बाद सरकार अब कॉल से पहले कोविड-19 covid-19 संदेशों (Covid Caller Tune) को हटाने पर विचार कर रही है. सरकार को कई ऐसे आवेदन मिले हैं, जिसमें कहा गया है कि ये संदेश अपने उद्देश्य को पूरा कर चुके हैं और कई बार आपात स्थिति के दौरान महत्वपूर्ण कॉल में देरी होती है.

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि दूरसंचार विभाग ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखकर कॉल पूर्व की इन घोषणाओं और कॉलर ट्यून को हटाने का अनुरोध किया है. उसने सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के साथ-साथ मोबाइल ग्राहकों से प्राप्त आवेदनों का हवाला दिया है.

एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, ‘‘स्वास्थ्य मंत्रालय अब देश में महामारी की स्थिति में सुधार के मद्देनजर इन ऑडियो क्लिप को हटाने पर विचार कर रहा है, जबकि महामारी के खिलाफ सुरक्षा उपायों के बारे में जन जागरूकता फैलाने के अन्य उपाय जारी रहेंगे.’’

📱DoT ने जारी किए थे कॉलर ट्यून
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से प्राप्त निर्देशों के बाद दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को कॉल से पहले कोविड-19 संबंधी घोषणाओं और ‘कॉलर ट्यून’ को लागू करने के निर्देश डीओटी द्वारा जारी किए गए थे.

दूरसंचार सेवा प्रदाता (टीएसपी) लोगों के बीच जागरूकता फैलाने और उन्हें महामारी के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों और टीकाकरण के बारे में बताने के लिए कोरोना वायरस से संबंधित घोषणाएं और कॉलर ट्यून कॉल से पहले बजाते हैं.

📱 DoT ने स्वास्थ्य मंत्रालय को लिखी चिट्ठी
डीओटी ने हाल में स्वास्थ्य मंत्रालय को आवेदनों का हवाला देते हुए लिखे एक पत्र में कहा, ‘‘लगभग 21 महीने बीतने के बाद इन घोषणाओं ने नागरिकों के बीच जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य को पूरा किया है और अब इनकी कोई प्रासंगिकता नहीं है.’’ पत्र में कहा गया, ‘‘नेटवर्क पर चलाए जा रहे संदेश के परिणामस्वरूप आपात स्थिति के दौरान महत्वपूर्ण कॉल को रोके रखने और विलंबित होने का जोखिम रहता है और कीमती बैंडविड्थ संसाधनों की खपत होती है. यह टीएसपी नेटवर्क पर बोझ बढ़ाता है और इससे कॉल कनेक्शन में देरी होती है.’’

📱 कॉलर ट्यून से लोगों की बढ़ रही है परेशानियां
पत्र के मुताबिक, यह ग्राहक के अनुभव को भी प्रभावित करता है क्योंकि आपात स्थिति में कई बार कॉल में देरी हो जाती है. टीएसपी से आरबीटी (रिंग बैक टोन) को निष्क्रिय करने का भी अनुरोध किया गया है.

Now 'caller tune' of corona messages will not be heard on the phone.
Know what is the reason.
Government preparing to close.

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