घायल नंदी को बचाने 1500 किमी दूर उत्तराखंड पहुंचा चंद्रपुर का प्यार फाउंडेशन, प्यार फाउंडेशन ने एक नंदी को बचाने के लिए 1500 किमी की यात्रा उत्तराखंड में की और उसे सफलतापूर्वक बचाया Pyaar Foundation of Chandrapur

घायल नंदी को बचाने 1500 किमी दूर उत्तराखंड पहुंचा प्यार फाउंडेशन

प्यार फाउंडेशन ने एक नंदी को बचाने के लिए 1500 किमी की यात्रा उत्तराखंड में की और उसे सफलतापूर्वक बचाया

चंद्रपुर, 19 अप्रैल: एक नंदी के बारे में फेसबुक पर एक संदेश वायरल हुआ जो गर्दन पर बहुत बुरी तरह से घायल हो गया था और घाव के अंदर कीड़े हो गए थे |

जैसे ही देवेंद्र रापेली (अध्यक्ष प्यार फाउंडेशन) ने यह संदेश पढ़ा कि कई महीनों से कई गोशाला टीम और एनजीओ के प्रयास के बाद भी बैल नहीं पकड़ पा रहा था, उसने बस एक संदेश छोड़ दिया कि नंदी को बचाने के लिए उनकी टीम आ रही है|
और अगले दिन श्री सौरभ पतरंगे, "कोड फीवर टेक्नोलॉजी के सीईओ" उत्तराखंड के लिए प्यार फाउंडेशन टीम के साथ जाने के लिए अपनी कार ले गए। जबकि श्री जिग्नेश चंदे बल्लारशा ने अपने दोस्तों के साथ पूरे बचाव को आर्थिक रूप से प्रायोजित किया।
देवेंद्र रपेली ने उत्तराखंड के रुद्रपुर के नगर निगम के अधिकारी से बात कर रविवर छुट्टी के दिन भी नगर निगम की गाड़ी और उनके कर्मचारी को बचाव पर आने को अनुरोध किया और रुद्रपुर के नगर निगम ने बचाव में बहुत मदद की।
कुल 1500 किमी और 24 घंटे की नॉन स्टॉप यात्रा के बाद आखिरकार प्यार फाउंडेशन की टीम रुद्रपुर उत्तराखंड पहुंची। और पिछले 6 महीनों के बहुत प्रयासों के बाद आखिरकार नंदी महाराज को प्यार फाउंडेशन के सदस्यों, देवेंद्र रापेली, अर्पित सिंह ठाकुर, कुणाल महले, साहिल वानखड़े सौरभ पतरांगे के प्रयास के 7 घंटे के भीतर पकड़ लिया गया। और यहां तक ​​कि टीम ने नंदी का चिकित्सकीय उपचार किया और नंदी को पशु आश्रय में दे दिया
इस्के इलावा और दो झकमी बच्चों को भी बचाव कर के पाशु प्रेमी चीना शर्मा जी को चिकित्सा उपचार कर दे दिया गया|
रुद्रपुर अधिकारी और स्थानीय गौराक्षक और चीना शर्मा जी ने गौमाता के प्रति ऐसे सच्चे प्रेम समर्पण और देशभक्ति के लिए प्यार फाउंडेशन की बहुत प्रशंसा की|

देवेंद्र रापेली और टीम प्यार फाउंडेशन, पशु कल्याण संगठन चंद्रपुर पर पूरे भारत को गर्व है।

Pyaar Foundation of Chandrapur reached 1500 km in Uttarakhand to rescue the injured Nandi, Pyaar Foundation traveled 1500 km in Uttarakhand to rescue a Nandi and successfully rescued him.

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