'वर्क फ्रॉम होम' के नियमों की वाणिज्य मंत्रालय ने की घोषणा, जानिए इस बारे में पूरी डिटेल The Ministry of Commerce of 'Work From Home' rules announce, know full detail about this

'वर्क फ्रॉम होम' के नियमों की वाणिज्य मंत्रालय ने की घोषणा, 

जानिए इस बारे में पूरी डिटेल

नई दिल्ली: वाणिज्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) में घर से काम करने (वर्क फ्रॉम होम) की अनुमति अधिकतम एक साल के लिये होगी और इसे कुल कर्मचारियों के 50 प्रतिशत तक लागू किया जा सकता है।

वाणिज्य विभाग ने विशेष आर्थिक क्षेत्र नियम, 2006 में घर से काम के लिये नया नियम 43ए अधिसूचित किया है।

मंत्रालय ने कहा कि उद्योग से मांग के आधार पर अधिसूचना जारी की गयी है। उद्योग ने सभी विशेष आर्थिक क्षेत्रों के लिये समान रूप से डब्ल्यूएफएच नीति लागू करने की मांग की थी। नये नियम के तहत सेज इकाई में काम करने वाले कुछ श्रेणी के कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति होगी।

इन कर्मचारियों में सेज इकाइयों में कार्यरत सूचना प्रौद्योगिकी और उससे जुड़े क्षेत्रों में काम कर रहे कर्मचारी शामिल हैं। वे कर्मचारी भी इसके दायरे में आएंगे, जो अस्थायी रूप से काम पर आने में असमर्थ हैं। मंत्रालय के अनुसार, घर से काम करने की सुविधा कुल कर्मचारियों में से 50 प्रतिशत को दी जा सकती है।

इसमें इकाई में अनुबंध पर काम करने वाले कामगार शामिल हैं। सेज के विकास आयुक्त को वाजिब कारण के आधार पर 50 प्रतिशत से अधिक कर्मचरियों को घर से काम करने की अनुमति देने का अधिकार होगा। मंत्रालय ने कहा, ''घर से काम करने को अब अधिकतम एक साल के लिये अनुमति दी गई है। हालांकि, विकास आयुक्त इकाइयों के अनुरोध पर इसे एक बार में एक साल की अवधि के लिये बढ़ा सकते हैं।''

बता दें कि भारत में कोविड महामारी शुरू होने के बाद से ही 'वर्क फ्रॉम होम' के प्रचलन में तेजी आई है। लॉकडाउन के दौरान कई संस्थान ने वर्क फ्रॉम होम को लागू किया था। हालांकि हालात सुधरने के साथ-साथ अब तमाम संस्थान एक बार फिर खुल गए हैं। वहीं, कई संस्थान अब भी इसे लागू किए हुए हैं।

👉🏻 डेवलपमेंट कमिश्नर पर रहेंगे वर्क फ्रॉम होम देने के विशेष अधिकार सेज के डेवलपमेंट कमिश्नर उपयुक्त कारण के आधार पर 50% से अधिक कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति देने का अधिकार होगा। मंत्रालय ने कहा है कि घर से काम करने को अब अधिकतम एक साल के लिए अनुमति दी गई है। हालांकि, डेवलपमेंट कमिश्नर इसे एक बार में एक साल की अवधि के लिए बढ़ा सकता है।

 👉🏻 भारत में हैं 8 स्पेशल इकोनॉमिक जोन अभी देश में कुल 8 स्पेशल इकोनॉमिक जोन हैं। इसमें सांताक्रूज (महाराष्ट्र), कोच्चि (केरल), कांडला और सूरत (गुजरात), चेन्नई ( तमिलनाडु ), विशाखापत्तनम (आंध्र प्रदेश), फाल्टा (पश्चिम बंगाल) और नोएडा (उत्तर प्रदेश) में हैं। इसके अलावा इंदौर (मध्य प्रदेश) में एक सेज अब संचालन के लिए तैयार है।

👉🏻 क्या है सेज : स्पेशल इकोनॉमिक जोन (सेज) वह क्षेत्र होता है, जहां एक ही कैंपस के अंदर ऑटो पार्ट्स के तमाम व्यावसायिक गतिविधियां संचालित करने की सुविधा होती है। उद्योग को बढ़ावा देने के लिए जमीन, पानी, बिजली सहित तमाम जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। टैक्स में पहले पांच साल के लिए छूट दी जाती है। उसके बाद मात्र आधा टैक्स लगता है। देश में पहले सेज की स्थापना 1965 में कांडला में हुई थी।

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