ISRO ने फिर रचा इतिहास, ब्रिटिश कंपनी के 36 उपग्रहों को सफलतापूर्वक लॉन्च किया, भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी की बड़ी उपलब्धि, इसरो को इस लॉन्चिंग के एवज में 1000 करोड़ रुपये की फीस मिली ISRO again created history, Successfully launched 36 satellites of British company, Big achievement of Indian Space Agency, ISRO got a fee of Rs 1000 crores for this launching

🚀 ISRO ने फिर रचा इतिहास,

🚀 ब्रिटिश कंपनी के 36 उपग्रहों को सफलतापूर्वक लॉन्च किया

🚀 भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी की बड़ी उपलब्धि

🚀 इसरो को इस लॉन्चिंग के एवज में 1000 करोड़ रुपये की फीस मिली

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श्रीहरिकोटा, 26 मार्च :  भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के सबसे बड़े LVM3 रॉकेट ने वनवेब के 36 सैटेलाइट को अंतरिक्ष में सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया। यह रॉकेट रविवार सुबह 9:00 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया गया।

ब्रिटेन की नेटवर्क एक्सेस एसोसिएट्स लिमिटेड (वनवेब ग्रुप कंपनी) ने पृथ्वी की निचली कक्षा में 72 सैटेलाइट्स प्रक्षेपित करने के लिए इसरो की कमर्शियल यूनिट न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड के साथ एक करार किया है। इसी करार के तहत ये 36 उपग्रह अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किए जा रहे हैं। इससे पहले 23 अक्टूबर 2022 को वनवेब ग्रुप कंपनी के लिए पहले 36 उपग्रह प्रक्षेपित किए गए थे। इसरो को इस लॉन्चिंग के एवज में 1000 करोड़ रुपये की फीस मिली है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के साथ मिलकर लो-अर्थ ऑर्बिट सैटेलाइट संचार कंपनी वनवेब रविवार को 36 सैटेलाइटों को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया। यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है।

इन सैटेलाइटों को 26 मार्च की सुबह 9 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया। गौरतलब है कि कुल 643 टन वजनी और 43.5 मीटर लंबा यह प्रक्षेपण यान इसरो का सबसे भारी प्रक्षेपण यान है जो अब तक पांच सफल उड़ानें पूरी कर चुका है, जिसमें चंद्रयान-2 मिशन भी शामिल है। ये 36 उपग्रह 5805 टन वजन के हैं।
इसरो ने बताया कि मौजूदा मिशन एलवीएम3-एम3, न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) का दूसरा समर्पित वाणिज्यिक उपग्रह मिशन है, जिसे उसके ग्राहक ब्रिटिश कंपनी मैसर्स नेटवर्क एक्सेस एसोसिएट्स लिमिटेड (मैसर्स वन वेब) के लिए चलाया जा रहा है। एलवीएम -3 इसरो के सबसे भारी प्रक्षेपण यान जीएसएलवीएमके -3 का ही नया नाम है जो सबसे भारी उपग्रहों को निश्चित कक्षा में प्रक्षेपित करने की क्षमता रखता है।

वनवेब सैटेलाइट की बात करें तो यह यूके की संचार कंपनी है। इसमे ब्रिटेन की सरकार के साथ, भारत की भारतीय इंटरप्राइजेज, फ्रांस की यूटेलसैट, जापान की सॉफ्टबैंक, अमेरिका की ह्यूज्य नेटवर्क्स और दक्षिण कोरिया की हनव्हा बड़ी साझेदार हैं। इसका मुख्यालय लंदन में है। इस कंपनी का उद्देश्य दुनियाभर में बेहतर ब्रॉडबैंड सेवा को मुहैया कराना है।

वनवेब ने इसरो के साथ एक समझौता किया है, जिसके तहत 36 उपग्रहों को 26 मार्च को पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित किया गया है। पिछले साल भी इसरो ने कंपनी के 36 सैटेलाइट को स्थापित किया था। कुल 72 सैटेलाइट को लॉन्च करने का करार हुआ है। इसके लिए कुल एक हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की लॉन्च फीस ली जा रही है। यह इसरो के सबसे बड़े ऑर्डर में से एक है।

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🚀 Successfully launched 36 satellites of British company

🚀 Big achievement of Indian Space Agency

🚀 ISRO got a fee of Rs 1000 crores for this launching