महाराष्ट्र: भाजपा के 12 सस्पेंड विधायकों पर भड़के पीठासीन अधिकारी Maharashtra 12 MLA Suspended

महाराष्ट्र: भाजपा के 12 सस्पेंड विधायकों पर भड़के पीठासीन अधिकारी

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मुंबई, 05 जुलाई : भाजपा के बारह विधायकों के महाराष्ट्र विधानसभा से एक साल के लिए निलंबन को लेकर पीठासीन अधिकारी भास्कर जाधव ने सोमवार को कहा कि उनलोगों ने मुझे गाली दी और मेरे ऊपर हमला करने की भी कोशिश की. घटना के बारे में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, 'देवेंद्र फड़णवीस ने जोर देकर कहा कि उन्हें ओबीसी के प्रस्ताव आरक्षण पर पहले बोलने की अनुमति दी जाए. इसलिए मैंने उन्हें बोलने की इजाजत दी. बाद में, छगन भुजबल ने सबूतों के साथ फड़णवीस को उनके सवालों के जवाब दिए, जिससे वह और भाजपा असहज हो गए.'

जाधव ने कहा, 'मैंने 10 मिनट के ब्रेक की घोषणा की और स्पीकर के कक्ष में गया. फड़णवीस और अन्य भाजपा नेता वहां आए और मुझे गालियां दीं. उन्होंने मुझ पर हमला करने की कोशिश की. मैंने उन्हें बताने की कोशिश की कि वहां सीसीटीवी कैमरा था. इसलिए नियमों के मुताबिक महाराष्ट्र विधानसभा से भाजपा के 12 सदस्यों को निलंबित कर दिया गया.' गौरतलब है कि महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष के कक्ष में पीठासीन अधिकारी भास्कर जाधव के साथ 'दुर्व्यवहार' करने के आरोप में भाजपा के बारह विधायकों को विधानसभा से एक साल के लिए निलंबित कर दिया गया है.

वहीं, नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने आरोपों को झूठा करार देते हुए कहा कि जाधव द्वारा दिया गया घटना का विवरण 'एकतरफा' है. हालांकि, जाधव ने इस आरोप की जांच की मांग की कि शिवसेना के कुछ सदस्यों और उन्होंने खुद अभद्र टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि अगर यह सच साबित होता है तो वह किसी भी सजा का सामना करने के लिए तैयार हैं. राज्य के संसदीय कार्य मंत्री अनिल परब ने विधायकों को निलंबित करने का प्रस्ताव पेश किया, जिसे ध्वनि मत से पारित कर कर दिया गया.

▶️ जिन 12 विधायकों को निलंबित किया गया है, उनमें
1) संजय कुटे, 
2) आशीष शेलार, 
3) अभिमन्यु पवार, 
4) गिरीश महाजन, 
5) अतुल भातकलकर, 
6) पराग अलवानी, 
7) हरीश पिंपले, 
8) योगेश सागर, 
9) जय कुमार रावत,
10) नारायण कुचे, 
11) राम सातपुते और 
12) बंटी भांगड़िया शामिल हैं. परब ने कहा कि इन 12 विधायकों को निलंबन की अवधि के दौरान मुंबई और नागपुर में विधानमंडल परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

फडणवीस के नेतृत्व में भाजपा सदस्यों ने फैसले पर आपत्ति जताते हुए कहा कि विपक्ष सदन की कार्यवाही का बहिष्कार करेगा. फड़णवीस ने कहा, 'यह एक झूठा आरोप है और विपक्षी सदस्यों की संख्या को कम करने का प्रयास है. ऐसा इसलिये किया गया क्योंकि हमने स्थानीय निकायों में ओबीसी कोटे पर सरकार के झूठ को उजागर किया है.' उन्होंने कहा कि भाजपा सदस्यों ने पीठासीन अधिकारी को गाली नहीं दी. फडणवीस ने कहा, 'शिवसेना विधायकों ने ही अपशब्दों का इस्तेमाल किया. मैं अपने विधायकों को अध्यक्ष के कक्ष से बाहर ले आया था.'

पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने दावा किया कि शेलार के माफी मांगने पर मामला समाप्त हो गया. जाधव द्वारा दिया गया घटना का विवरण 'एकतरफा' है. इससे पहले, राकांपा नेता और मंत्री नवाब मलिक ने भाजपा सदस्यों पर भास्कर जाधव के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया और इस मुद्दे पर राज्य विधानसभा की कार्यवाही चार बार स्थगित हुई.

भास्कर जाधव ने मतदान के लिये एक प्रस्ताव पेश किया, जिसके बाद सदन को 10 मिनट के लिये स्थगित कर दिया गया. इस प्रस्ताव में केन्द्र सरकार से 2011 की जनगणना के आंकड़े उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया है ताकि राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ओबीसी आबादी को स्थानीय निकायों में राजनीतिक आरक्षण प्रदान करने के लिये उनका प्रयोगाश्रित डेटा डाटा तैयार कर सके. गिरीष महाजन और संजय कुटे समेत भाजपा सदस्य विधानसभा अध्यक्ष के पोडियम पर चढ़ गए और अध्यक्ष से बहस करने लगे.

इसके बाद जब सदन की कार्यवाही फिर से शुरू हुई तो मंत्री नवाब मलिक और शिवेसना सदस्य सुनील प्रभु ने जाधव के साथ दुर्व्यवहार के लिये विपक्षी सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. मलिक ने विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल को संबोधित करते हुए कहा, 'आपके आसन में जो हुआ वह सही नहीं है.' इसके बाद पीठासीन अधिकारी ने सदन को 15 मिनट और फिर दोबारा 30 मिनट के लिये स्थगित कर दिया.

सदन के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए मलिक ने आरोप लगाया कि भाजपा सदस्यों ने जाधव को अध्यक्ष के कक्ष में घेरा और अपशब्दों का इस्तेमाल किया. उन्होंने दावा किया कि फडणवीस ने अपना माइक भी तोड़ दिया। इसके बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जाधव को अपने कक्ष में बुलाकर घटना के बारे में पूछा. चौथी बार स्थगित होने के बाद जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो जाधव अध्यक्ष की पीठ पर थे. उन्होंने घटना के बारे में जानकारी दी.

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की परंपरा सदन में व्यक्त किये गए मतभेदों को बाहर ले जाने की कभी नहीं रही है. उन्होंने कहा, 'आज मेरे लिए एक काला दिन है. मुझे अपशब्द कहे गए. कुछ लोग कह रहे हैं कि मैंने अभद्र टिप्पणी की. सीसीटीवी फुटेज की जांच के बाद इसकी तफ्तीश होने दें. अगर मैंने किसी भी तरह अनुचित भाषा का इस्तेमाल किया है, तो जो भी सजा दी जाएगी, मैं उसके लिये तैयार हूं.'