महाराष्ट्र में पिछले 5 महीनों में हर दिन 7 किसान ने की आत्महत्या, महाराष्ट्र सरकार द्वारा जारी किए गए चौंकाने वाले आंकड़े #1076farmerscommittedsuicideinMaharashtra #JunetoOctober2021 #Maharashtra #MaharashtraLegislativeAssembly #महाराष्ट्रसरकार #किसान

महाराष्ट्र में पिछले 5 महीनों में हर दिन 7 किसान ने की आत्महत्या, 

महाराष्ट्र सरकार द्वारा जारी किए गए चौंकाने वाले आंकड़े

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मुंबई, 24 दिसंबर: महाराष्ट्र (Maharashtra) में पिछले पांच महीनों (Five Months) में आत्महत्या (Suicide) से कुल 1,076 किसानों (Farmer) की मौत हुई है। इस बात की जानकारी राज्य आपदा प्रबंधन और पुनर्वास मंत्री विजय वडेट्टीवार (Minister Vijay Wadettiwar) ने शुक्रवार को एक लिखित उत्तर में महाराष्ट्र विधानसभा को दी। (1076 farmers committed suicide in Maharashtra in 5 months - June to October 2021 : Maharashtra Minister Vijay Wadettiwar informs Maharashtra Legislative Assembly in a written reply)

किसानों की खुदकुशी का ये आंकड़ा इसी साल जून से अक्टूबर महीने का है। सरकार ने ये भी बताया कि खुदकुशी करने वाले 482 किसानों के परिवारों को सरकार की ओर से आर्थिक मदद दी गई है।

विजय वडेट्टीवार ने बताया कि जून से लेकर अक्टूबर तक 5 महीनों में 1 हजार 76 किसानों ने खुदकुशी की है। इस हिसाब से पिछले 5 महीने में हर दिन औसतन 7 किसानों ने खुदकुशी की। उन्होंने कहा कि इन आत्महत्याओं में से 491 मामलों को संबंधित जिला स्तरीय समितियों द्वारा राज्य सरकार की महात्मा ज्योतिराव फुले ऋण माफी योजना का लाभ लेने के लिए पात्र घोषित किया गया है। इन किसानों को योजना के तहत आर्थिक सहायता प्रदान की गई है।
उन्होंने बताया कि इनमें से 491 किसानों के परिवारों को आर्थिक सहायता के लिए योग्य पाए गए। वहीं, 213 परिवार अयोग्य थे और 372 परिवारों का मामला अभी स्क्रूटनी कमेटी के पास लंबित है। वडेट्टीवार ने बताया कि 491 में से 482 परिवारों को राज्य सरकार की ओर से सरकारी मदद दी गई है। उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से मृत किसानों के परिजनों को 1 लाख रुपये की सहायता दी गई है।

वडेट्टीवार ने कहा कि यह पता चला है कि उच्च कर्ज के बोझ और इसकी अदायगी न करने, प्राकृतिक आपदाओं और मिट्टी की उर्वरता में हुई क्षति के कारण और व्यक्तिगत और पारिवारिक कारणों से किसानों की आत्महत्या की सूचना मिली है। दरअसल महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्यों ने राज्य में किसानों द्वारा आत्महत्या की संख्या पर सवाल उठाया थे और क्या उनके परिवारों को अब तक वित्तीय सहायता दी गई थी।

वर्ष 2006 की महाराष्ट्र सरकार की नीति के अनुसार, तीन श्रेणियां हैं जिनके तहत मृतक किसानों के परिवारों को वित्तीय सहायता मिलती है। नीति में कहा गया है, अगर किसान फसल खराब हो जाए, कर्ज न चुकाने और बार-बार कर्ज चुकाने के लिए जोर देने के कारण आत्महत्या करते हैं, तो उनके परिवारों को राज्य सरकार से वित्तीय सहायता मिलेगी।