हमारा देश भारत टोकन सॉल्यूशन से टोटल सॉल्यूशन की ओर बढ़ रहा हैं: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया India has moved away from token solution to total solution in health sector: Mandaviya

हमारा देश भारत टोकन सॉल्यूशन से टोटल सॉल्यूशन की ओर बढ़ रहा हैं: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया

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नई दिल्ली, 16 अप्रैल: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने शनिवार को कहा कि देश स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में 'टोकन सोल्यूशन से टोटल सोल्यूशन' की ओर बढ़ रहा है। इस दौरान उन्होंने टेली-परामर्श सेवाओं को व्यापक रूप से अपनाने की बात भी कही।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि टेली परामर्श सेवा 'ई-संजीवनी' विशेष रूप से ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य सेवा प्रदान कर रही है, जैसी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल्पना की थी। उनकी ही कल्पना थी कि ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में जहां स्वास्थ्य सेवाएं प्रचुर मात्रा में उपल्ब्ध नहीं हैं, वहां के लोगों के लिए कोई ऐसी योजना बनाई जाए जिससे उन्हें तत्काल डॉक्टर का परामर्श मिल सके।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि देश में 1,17,400 आयुष्मान भारत-स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र (एबी-एचडब्ल्यूसी) को कार्यात्मक बनाया गया है। उन्होंने जानकारी दी कि सरकार दिसंबर 2022 तक 1,50,000 ऐसे केंद्र स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है। ई-संजीवनी एचडब्ल्यूसी और पोर्टल पर एक लाख से अधिक लोगों ने सफलतापूर्वक पंजीकरण किया है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के द्वारा 'आयुष्मान भारत-स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों' (एबी-एचडब्ल्यूसी) की चौथी वर्षगांठ समारोह की अध्यक्षता करते हुए ये बातें कही। उन्होंने कहा कि देश के कई राज्यों में लोग ई-संजीवनी के लाभों को जानने लगे हैं। इसके कारण स्वास्थ्य सेवाओं की मांग के इस डिजिटल तरीके को व्यापक रूप से तेजी से अपनाने की उत्साहजनक प्रवृत्ति बढ़ी है।

उन्होंने कहा कि मरीज स्वास्थ्य सेवाओं के लिए इस अभिनव डिजिटल माध्यम का उपयोग करके दैनिक आधार पर डॉक्टरों और विशेषज्ञों से परामर्श करते हैं और उसका लाभ लेते हैं।

मंत्री ने कहा कि कुछ स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र गंभीर बीमारियों जैसे मुंह, स्तन,गर्भाशय और गले के कैंसर के लिए स्क्रीनिंग सेवाएं भी प्रदान कर रहे हैं। इससे मरीज को न केवल बीमारी का जल्दी से पता लगाने में मदद मिलती है बल्कि मरीज को जल्दी इलाज भी उपलब्ध होता है। उन्होंने कहा कि स्वस्थ नागरिक ही स्वस्थ समाज का निर्माण कर सकते हैं और स्वस्थ समाज से स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण होता है।

उन्होंने कहा कि दूर-दराज के क्षेत्रों के लोगों के लिए दूर-परामर्श सेवाएं बहुत महत्वपूर्ण हैं और स्वास्थ्य सेवाओं को सभी के लिए सुलभ बनाने में सहायक हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सभी हितधारकों को टेली परामर्श सेवाएं प्रदान करने और उन्हें इससे कुशलतापूर्व जोड़ने के लिए जुटाना चाहिए।

उन्होंने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों पर होने वाले स्वास्थ्य मेलों के बारे में जागरूकता फैलाने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि आजादी का अमृत महोत्सव के तहत देश के एचडब्ल्यूसी में 17 अप्रैल को आयोजित होने वाले योग सत्रों के अलावा 18 से 22 अप्रैल तक स्वास्थ्य मेले आयोजित किए जाएंगे।उन्होंने राज्यों को इस स्वास्थ्य मेले के दौरान टीबी, सर्वाइकल कैंसर, मधुमेह और मुंह के कैंसर की व्यापक जांच करने की सलाह दी।

वहीं, इस मौके पर स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने कहा कि 1,17,440 से अधिक स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र सक्रिय रूप से देश भर में विस्तारित स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहे हैं, जिससे स्वास्थ्य केंद्र से एक व्यक्ति की दूरी 30 मिनट तक कम हो गई है।

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