भारत में मोबाइल चोरी और छेड़छाड़ रोकने के लिए केंद्र सरकार का बड़ा कदम, 1 जनवरी 2023 से पालन करने के लिए दिशानिर्देश जारी Central government's big step to prevent mobile theft and tampering in India, guidelines to be followed from January 1, 2023

भारत में मोबाइल चोरी और छेड़छाड़ रोकने के लिए केंद्र सरकार का बड़ा कदम

 1 जनवरी 2023 से पालन करने के लिए दिशानिर्देश जारी

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने कालाबाजारी, फर्जी आईएमईआई (IMEI) नंबर और मोबाइल फोन उपकरणों से छेड़छाड़ को रोकने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। दूरसंचार विभाग ने एक गजट अधिसूचना में सभी मोबाइल फोन निर्माताओं के लिए 1 जनवरी 2023 से पालन करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। 

दूरसंचार विभाग की अधिसूचना में कहा गया, "निर्माता मोबाइल फोन की पहली बिक्री से पहले दूरसंचार विभाग में भारत सरकार के भारतीय नकली डिवाइस प्रतिबंध पोर्टल के साथ भारत में निर्मित प्रत्येक मोबाइल फोन की अंतरराष्ट्रीय मोबाइल उपकरण पहचान संख्या पंजीकृत करेगा।" केंद्र ने देश में मोबाइल फोन के आयात से पहले दूरसंचार विभाग में भारत सरकार के भारतीय नकली डिवाइस प्रतिबंध पोर्टल के साथ पंजीकृत होने के लिए आयातित मोबाइल फोन के आईएमईआई नंबर को अनिवार्य कर दिया है।

मोबाइल फोन में फर्जी आईएमईआई नंबर या यहां तक ​​कि डुप्लीकेट आईएमईआई नंबर मिलने की भी खबरें आई हैं। लाइवमिंट की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2020 में उत्तर प्रदेश पुलिस ने पाया कि मेरठ में 13,500 वीवो स्मार्टफोन में समान आईएमईआई नंबर थे। नियमों के मुताबिक, भारत में बिकने वाले सभी मोबाइल फोन में यूनिक आईएमईआई नंबर होने चाहिए। यह नियम एप्पल और सैमसंग सहित ब्रांडों के आयातित मोबाइल फोन पर लागू होता है।

आईएमईआई नंबर एक अद्वितीय नंबर है जिसका उपयोग GSM, WCDMA और iDEN मोबाइल फोन की पहचान के लिए किया जाता है। हर मोबाइल फोन का एक यूनिक नंबर होता है, लेकिन डुअल सिम मोबाइल फोन के मामले में दो आईएमईआई नंबर होते हैं। चोरी होने पर आईएमईआई नंबर का उपयोग करके फोन को ट्रैक करना आसान होता है। 

मोबाइल फोन असली है या नकली यह जांचने के लिए भी आईएमईआई नंबर का इस्तेमाल किया जा सकता है। अगर किसी मोबाइल फोन में यह नंबर नहीं है, तो इसका मतलब है कि यह फर्जी है। उपयोगकर्ता अपने फोन से #06# डायल करके इसे खरीदने से पहले अपने फोन के आईएमईआई नंबर की जांच कर सकते हैं।

▶️ ब्लैक मार्केटिंग पर लगेगी लगाम
नई प्रक्रिया के जरिए यूजर्स अपने स्मार्टफोन के खो जाने या चोरी हो जाने पर उसे ब्लॉक कर सकेंगे। इससे उनके फोन का कोई मिस यूज भी नहीं कर पाएगा। इससे भारत में स्मार्टफोन की ब्लैक मार्केटिंग पर भी अंकुश लगने की उम्मीद है।

बता दें कि जून 2020 में, मेरठ पुलिस ने पता लगाया था कि वीवो के 13,500 स्मार्टफोन में एक ही IMEI नंबर था। यह सिर्फ एक अकेली घटना या एक ब्रांड के लिए नहीं है। इसी तरह की घटनाएं कथित तौर पर पहले अन्य चीनी ब्रांडों के लिए भी हुई थीं। बता दें कि न केवल मेड-इन-इंडिया फोन के लिए यहां तक ​​​​कि इम्पोर्टेड स्मार्टफोन के लिए  जैसे टॉप-एंड आईफोन, सैमसंग गैलेक्सी स्मार्टफोन के लिए भी यह नियम लागू होगा।

सरकार द्वारा एक अधिसूचना के अनुसार,“भारत सरकार के दूरसंचार विभाग में देश में मोबाइल फोन के आयात से पहले बिक्री, परीक्षण, अनुसंधान या किसी अन्य उद्देश्य के लिए भारत में आयात किए गए मोबाइल फोन की अंतरराष्ट्रीय मोबाइल उपकरण पहचान संख्या आयातक द्वारा भारतीय नकली डिवाइस प्रतिबंध पोर्टल (https://icdr.ceir.gov.in) के साथ पंजीकृत की जाएगी।''

▶️ क्या होता है IMEI?
जिन लोगों को IMEI के बारे में नहीं पता है उन्हें बता दें कि IMEI नंबर एक तरीके का यूनीक नंबर होता है और इसका उपयोग अपराधियों को ट्रैक करने के लिए किया जाता है। जबकि सिम कार्ड को बदला या नष्ट किया जा सकता है, IMEI नंबर हार्ड कोडित होता है और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए अपराध से निपटना आसान बनाता है। अगर आप कहीं से इस्तेमाल किया हुआ मोबाइल फोन या नया हेडसेट खरीद रहे हैं, तो हमेशा जांच लें कि डिवाइस को आईएमईआई नंबर मिला है या नहीं। आईएमईआई नंबर के बिना कोई भी उपकरण नकली है और आपको इसे खरीदने से बचना चाहिए। आईएमईआई नंबर की जांच करने के लिए और इसकी डिटेल्स प्राप्त करने के लिए #06# डायल करें। डुअल सिम स्मार्टफोन के लिए दो यूनिक आईएमईआई नंबर होंगे।

साल 2021 में सरकार ने विभिन्न सीमा शुल्क बंदरगाहों के माध्यम से मोबाइल उपकरणों के आयात के लिए IMEI प्रमाणपत्र जारी करने के लिए भारतीय नकली उपकरण प्रतिबंध (ICDR) प्रणाली की शुरुआत की थी। नई प्रणाली 1 जनवरी, 2020 से पहले ही चालू हो चुकी है। IMEI प्रमाणपत्रों के पंजीकरण और निर्माण के लिए नई प्रणाली को वेब पोर्टल https://icdr.ceir.gov.in के माध्यम से एक्सेस किया जा सकता है। वर्तमान में इस वेब पोर्टल के माध्यम से IMEI प्रमाणपत्रों के पंजीकरण और निर्माण के लिए कोई शुल्क नहीं है।

Central government's big step to prevent mobile theft and tampering in India, 

guidelines to be followed from January 1, 2023

 New Delhi: Central government has taken a major step to prevent black marketing, fake IMEI numbers and tampering of mobile phone devices.  The DoT in a gazette notification has issued guidelines for all mobile phone manufacturers to follow from January 1, 2023.

 "The manufacturer shall register the International Mobile Equipment Identification Number of each mobile phone manufactured in India with the Indian Counterfeit Device Ban Portal of the Government of India with the Department of Telecommunications before the first sale of the mobile phone," the notification from the DoT said.  The Center has mandated the IMEI number of the imported mobile phone to be registered with the Indian Counterfeit Device Ban Portal of the Government of India at the Department of Telecommunications before the import of mobile phones into the country.

 There have also been reports of getting fake IMEI numbers or even duplicate IMEI numbers in mobile phones.  According to a Livemint report, in the year 2020, Uttar Pradesh Police found that 13,500 Vivo smartphones in Meerut had the same IMEI numbers.  As per the rules, all mobile phones sold in India must have unique IMEI numbers.  This rule applies to imported mobile phones from brands including Apple and Samsung.

 IMEI number is a unique number used to identify GSM, WCDMA and iDEN mobile phones.  Every mobile phone has a unique number, but in the case of dual SIM mobile phones, there are two IMEI numbers.  The phone is easy to track using the IMEI number in case it is stolen.

 The IMEI number can also be used to check whether the mobile phone is genuine or fake.  If a mobile phone does not have this number, it means that it is fake.  Users can check the IMEI number of their phone before buying it by dialing #06# from their phone.